Chandwa : चंदवा प्रखंड स्थित कामता पंचायत के परहिया टोला में आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. आज भी उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए चुआंड़ी के दूषित पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. दरअसल उनके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है. जानवर और मनुष्य दोनों अपनी प्यास बुझाने के लिए चुआड़ी के पानी पर आश्रित हैं. इतना ही नहीं खाना पकाने के लिए भी इसी पानी का उपयोग किया जाता है.
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पानी में कीड़े की भरमार
पंचायत समिति के सदस्य अयूब खान हालत देखकर कहते हैं कि नाले का पानी पूरी तरह दूषित है, पीने लायक नहीं है. लेकिन स्थानीय निवासी करें तो क्या करें. पानी में छोटे-छोटे कीड़े आसानी से देखे जा सकते हैं. बारिश के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती है, चुआंड़ी भर जाता है. दसवा पड़हिया के घर के बगल के नाले में बने चुआंड़ी से आधे दर्जन से अधिक परिवार इस पानी का उपयोग करते हैं. इसके अलावा परहिया टोला के अगल बगल के दर्जनों परिवार प्रमेशर गंझू, हरेवा गंझू, राजकुमार गंझू, नरायण गंझू, शनिचर गंझू, सोमा गंझू, लालु गंझू, गब्रेल मुंडा, दोंदा गंझू, भुखल गंझू, सकिंदर गंझू, गुजू बारला, बराय भेंगरा, अनिल मुंडा, नेमा परहैया, दीना मुंडा, सुखू हेरेंज, रतिया नगेशिया, बुधराम बारला, रंगवा परहैया, मंसीद टोपनो, लालू गंझू चुआंड़ी का दूषित पानी का उपयोग करने पर मजबूर हैं.
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बीमारियों ने जमाया डेरा
दूषित पानी का सेवन करने से आए दिन कई परिवार के लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं. सेहत को लेकर ये लोग चिंतित रहते हैं. ऐसा नहीं है कि इनकी समस्या से सरकारी मुलाजिम अनभिज्ञ हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता. स्थानीय जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी कुंभकर्णी नींद में हैं. इस दिशा में अभीतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.