Ashish Tagore
Latehar: पुलिस ने दिल्ली समेत अन्य महानगरों में छापेमारी कर एक बच्चा समेत 16 नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया. इन्हें बहला-फुसला कर और रूपयों का लालच देकर काम देने के बहाने महानगरों में मानव तस्कर ले गये थे. मामले में पुलिस ने कुल सात मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनमें से छह को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सातवां मानव तस्कर गोपी चंद महतो उर्फ गोपाल उर्फ गोपी, पिता जगनारायण महतो जिला गुमला को गिरफ्तार कर गुरूवार को जेल भेज दिया. पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वर्ता में यह जानकारी दी. उन्होने बताया कि रेस्क्यू किये गये बच्चे व बच्चियों में अधिकांश लातेहार व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के हैं. सभी आदिम जनजाति समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं.
इसे भी पढ़ें-बोकारो : जमीन विवाद में जिंदा जलायी महिला की इलाज के दौरान मौत, गांव में स्थिति तनावपूर्ण
गिरफ्तार मानव तस्कर
गोपी चंद महतो उर्फ गोपाल, अनिमा नेगशिया पति विकास नगेशिया ( चटकपुर, महुआडांड़, लातेहार), सतेंद्र नगेशिया पिता स्व रघु नगेशिया (सिमार, ओरसापाट, महुआडांड), मनोज प्रसाद उर्फ मनोज जायसवाल (ओरसा, महुआडांड), सुनीता मुरमूरीन उर्फ सुनीता मुंडा पति ब्रजकिशार सिंह ( गलयटोली, कोलेबिरा, सिमडेगा), संदीप कुमार पिता मुन्ना बड़ाईक (ओरसा, महुआडांड़) व विकास नगेशिया पिता भोदो बरवा उर्फ चायो नगेशिया (टंडरावली, मनोहरपुर , चाईबासा) का नाम शामिल है. इनमें सुनीता मुरमुरीन उर्फ सुनीता मुंडा वर्तमान में शिवाजी एंक्लेब, रजौरी गार्डन दिल्ली में रहती है.
मानव तस्करों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहा- एसपी
पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने कहा कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, लातेहार और महुआडांड़ थाना में मानव तस्करी के मामले दर्ज किये गये हैं. मानव तस्करों की धर पकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहा है. अनुसंधान में पता चला कि मानव तस्करों की एक श्रृखंला है. सबसे पहली कड़ी सर्पोटर की होती है. वह गांव व कस्बों से पीडि़तों की पहचान करते हैं और उन्हें पैसों का लालच दे कर कुरियर तक पहुंचाते हैं. कुरियर दूसरी कड़ी होते हैं. सबसे बड़ी कड़ी प्लेसमेंट एजेंसी होती है. ये एजेंसियां बच्चे व बच्चियों को क्लाईंट तक पहुंचाते हैं. इसके एवज में वे मोटी रकम लेते हैं. एसपी ने बताया कि कई बार बच्चियों के साथ मारपीट व यौन शोषण तक किया जाता है. उनके पास मोबाइल या किसी प्रकार का संपर्क साधने का सामान नहीं होता है. प्लेसमेंट एजेंसियों के द्वारा पैसों का गबन भी किया जाता है.
इसे भी पढ़ें-किरीबुरू : जंगली हाथियों का आतंक, फसलों को किया नष्ट
रेस्क्यू टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारी
रेस्क्यू टीम में पुलिस निरीक्षक चंद्रशेखर चौधरी, पुअनि कुमार सुमित यादव, आशुतोष कुमार यादव, मो जफर आलम, अजय कुमार दास, राहुल कुमार मेहता, दिलीप कुमार दास के अलावा पुलिस श्रीकांत कुमार, पंकज कुमार, महिला पुलिस मुगी सोरेन, गोदविला कुजूर शामिल थे.