Latehar: मॉनसून की पहली बारिश एक ओर लोगों के लिए राहत बनकर आयी तो दूसरी ओर आफत भी लेकर आयी. नगर पंचायत के वार्ड नंबर आठ के शिवपुरी मुहल्ला निवासियों के लिए पहली बारिश वाकई में आफत ले कर आयी है. इस बारिश में आधे शहर की गंदगी नाली के रास्ते शिवपुरी में शिफ्ट हो गयी है. बदबू व गंदगी के बीच लोगों का यहां रहना दूभर हो गया है. नाली का पानी घरों में घुस रहा है. इसके अलावा खेती योग्य जमीन को भी बरबाद कर रही है. इतना ही नहीं नाली से बहकर आ रहे सांप व अन्य जंतु आसपास के घरों में घुस रहे हैं.
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जल स्त्रोतों में घुस रहा है नाली का गंदा पानी
शिवपुरी मुहल्ले के जल स्त्रोतों में भी नाली का गंदा पानी घुस रहा है. इससे जल स्त्रोत खराब हो रहे हैं. चापाकलों में भी बदूब वाला पानी आ रहा है. लोगों को बीमारी का डर सता रहा है. लोगों का कहना है कि अगर व प्रदूषित पानी पियेंगे तो जरूर बीमार पड़ेंगे.
चार वर्ष पहले शुरू किया गया था नाली का निर्माण
बता दें कि नगर पंचायत के द्वारा चार वर्ष पूर्व यहां नाली का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. लेकिन चार सालों में नाली का निमार्ण कार्य पूरा नहीं हुआ. शहर के गांधी पुस्तकालय के पास से नाली का निर्माण कार्य शुरू किया गया था और नाली को जायत्री नदी से जोड़ना था. लेकिन नाली का निर्माण शिवपुरी मुहल्ला तक करा कर बंद कर दिया गया. इस नाली को आगे की नाली से कनेक्ट ही नहीं किया गया. बता दें कि गांधी पुस्तकालय के पास तकरीबन आधे शहर की नालियों का पानी मिलता है. जिससे उन नालियों का कचरा व पानी नाली का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण शिवपुरी मुहल्ले के घरों में बह रहा है.
नाली निर्माण के लिए रैयत ने दी थी जमीन
नाली निर्माण के लिए सरकारी जमीन नहीं होने के कारण शिवपुरी मुहल्ले में नाली का निर्माण नहीं हो पा रहा था. ऐसे में स्थानीय समाजसेवी सह जनसंघी जवाहर प्रसाद अग्रवाल ने अपनी जमीन नाली निर्माण के लिए दी थी. बावजूद इसके नाली को पूरा नहीं किया गया. आज नाली का पानी जवाहर अग्रवाल के ही घर के बगल में बहता है.
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