Latehar: गारू प्रखंड के घासीटोला पंचायत स्थित डोरम गांव के लोगों ने जमीन दाखिल खारिज करने के एवज में अंचल कर्मचारी पर 30 हजार रूपये घूस लेने का आरोप लगाया. ग्रामीणो ने कहा कि घूस लेने के दो साल बाद भी उनकी जमीन की दाखिल खारिज नहीं की गयी. इसे ले कर मंगलवार को डोरम गांव के जोगेश्वर सिंह, जीतू सिंह, राम पांडेय सिंह, मुनेश्वर सिंह व गणेश सिंह ने उपायुक्त को एक आवेदन सौंपा है. ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों की पुश्तैनी जमीन है और उनके दादा शिवराना और दूबराज के नाम से गांव मे 2 एकड़ 89 डिसमिल जमीन है. जब ऑनलाइन रसीद नहीं कटती थी तब उनक दादा के नाम से ही रसीद कटता था. लेकिन जब जमीन की ऑनलाइन रसीद कटने लगी तो अंचल के सरकारी दस्तावेजों में उनकी पुश्तैनी जमीन सोहर मांझी के नाम से अंकित हो गया है.
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डीसी से कार्रवाई करने की मांग
ग्रामीणो ने बताया कि अंचल कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर से इस बात की जानकारी ली तो उसने बताया कि ऑनलाइन डाटा मे सोहर मांझी के नाम पर ही जमीन दिख रहा था. इसके बाद अंचल कर्मचारी से बात की तो उसने बताया कि जमीन की दुबारा दाखिल खारिज कराना पड़ेगा. जिसके लिए 30 हजार रूपया लगेगा. ग्रामीणों ने आवेदन मे आगे बताया कि अंचल कर्मचारी को रूपया दिये दो साल हो गये लेकिन अभी तक उनकी पुश्तैनी जमीन की दाखिल खारिज नहीं हो पायी है. ग्रामीणों ने उपायुक्त भोर सिंह यादव से जांच कर कार्रवाई करने की गुहार लगायी है.
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