Ranchi : झारखंड सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना की शुरुआत की. रांची जिले में योजना की शुरुआत डोरंडा के पलाश भवन में डीसी छवि रंजन और जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के नेतृत्व में किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो थे. मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हमेशा से गरीबों के लिए सोचती आयी है और काम करते आयी है. इस सरकार का यही प्रयास रहता है कि किसी भी योजना का लाभ सबसे गरीब तबके तक पहुंच सके. इसके साथ ही हमारा लक्ष्य रहता है कि पहला काम अगर किसी का हो, तो वे गरीबों का हो और इसलिए अनाज के साथ कपड़े की मूलभूत जरूरत समझते हुए सरकार इस योजना की शुरुआत कर रही है. कोविड के कारण सरकार की योजनाओं में बाधा जरूर आयी, पर अब यह नहीं होगा. अब सरकार योजनाएं ही योजनाएं लाएगी. सरकार केवल एक वर्ग के लिए नहीं, हर वर्ग के लिए योजनाएं लाएगी. इस अवसर पर सांसद और विधायक उपस्थित रहे. मौके पर इस योजना के तहत लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से साड़ी-धोती/लुंगी का वितरण किया गया.
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रांची के 4 लाख 69 हजार 451परिवारों को मिलेगा लाभ
मौैके पर खाद्य, सार्वजनिक व वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग सचिव हिमानी पांडेय ने कार्यक्रम की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भोजन और वस्त्र जीवन की दो मूलभूत आवश्यकताएं हैं. इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग खाद्य के साथ कपड़े उपलब्ध करवाने की शुरुआत हो रही है. इस योजना के तहत सभी गुलाबी और पीला कार्डधारियों को 6-6 महीने के अंतराल में वर्ष में दो बार साड़ी और धोती दिया जाएगा. यह उन्हें 10 रुपए प्रति कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा. योजना का वार्षिक बजट 500 करोड़ है, जिसके तहत लगभग 58 लाख परिवार तक लाभ पहुंचाया जाएगा. इसमें रांची के 4 लाख 69 हजार 451 परिवार को लाभ पहुंचाया जाएगा. यह लाभ लाभुकों तक पीडीएस दुकानों का जरिए पहुंचाया जाएगा.
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क्या है सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना
सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना में आच्छादित लोगों को दस रुपए प्रति साड़ी और 10 रुपये प्रति धोती/ लुंगी दी जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी शुरुआत दुमका में की है. यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चलाई जा रहिए है. इसमें लाभुकों को साल में दो बार 10 रुपए में योजना का लाभ दिया जाएगा. योजना के अंतर्गत वितरित की जाने वाली धोती और साड़ी जन-वितरण प्रणाली दुकानों के माध्यम से बांटी जाएगी. इसके लिए लाभुक के पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है.