NewDelhi : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन भाषा को ध्यान में रखा जाना चाहिए. कहा कि अदालत चुनाव आयोग की आलोचना कर सकती है, लेकिन न्यायाधीशों को भी आलोचना करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बारे में सोचना चाहिए. रिजिजू राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर बोल रहे थे.उनके तेवर तल्ख नजर आये. बता दें कि केंद्रीय मंत्री रिजिजू और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित समारोह में हिस्सा लिया. इस क्रम में भारत में चुनाव के इतिहास पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया.
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न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल होना आवश्यक
केंद्रीय कानून मंत्री ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल होना आवश्यक है, लेकिन किसी के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं हो. कहा कि किसी की भी आलोचना करना सही है लेकिन भाषा की मर्यादा को ध्यान में रखना चाहिए.अदालत भी ध्यान दे कि वह किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रही है. हर कोई अपना काम कर रहा. तीखी आलोचना करने में बुराई नहीं है, पर अच्छे कामों की सराहना भी होनी चाहिए.
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आज देश में 95 करोड़ से अधिक मतदाता हैं
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग और हमारे विधि एवं न्याय मंत्रालय के बीच अच्छा तालमेल है. अगर ऐसा ही तालमेल बनाकर रखेंगे तो जो भी रिफॉर्म लाना है, वो लाया जा सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस को गर्व के साथ देश के प्रत्येक मतदाता को समर्पित करता है. इस वर्ष की थीम चुनाव को समावेशी, सुगम और सहभागी बनाना है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आज देश में 95 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिनमें 49 करोड़ पुरुष मतदाता और 46 करोड़ महिला मतदाता हैं.