-पांच मिनट में राख हो गया 100 से ज्यादा दुकानें
-सुबह 8 बजे से नगर निगम की टीम मलबा हटाने में जुटी
-एक जेसीबी को लगाकर हटाया गया 30 ट्रैक्टर मलबा
-खबर लिखे जाने तक नहीं आए कोई भी जनप्रतिनिधि
Team Lagatar
Ranchi : आसमान छूती आग की लपटे, चीत्कार के बीच सौ से अधिक दुकानदारों का सपना जलकर राख हो गए. दरसअल मंगलवार की रात को डेली मार्केट में भीषण आग लग गयी. आग बुझाने के लिए लोग भागे-भागे पहुंचे ही थे कि पांच मिनट के अंदर सभी दुकानें जलकर राख हो गयी. लोग अपने हाथों में बाल्टी और बगल से पाइप खींचकर आग बुझाने की नाकाम कोशिश करते रहे, लेकिन नतीजा सिफर था. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गई, तब जाकर आग पर काबू पाया गया.
वहीं बुधवार को सुबह 8:00 बजे से रांची नगर निगम की एक जेसीबी के जरिए मलबा हटाने का काम शुरू किया गया. 30 ट्रैक्टर मलबा हटाया गया. वहीं दुकानदार अपने बचे हुए सामानों को निहारते रहे, आंखों से आंसू टपकता रहा और दुकानों की सफाई करते रहे. बची हुई सामानों को समेटने में लगे हुए थे.
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डेली मार्केट में जलकर ये समान हुई राख
आलू, प्याज, गाजर, बीट, खीरा, शिमला मिर्च, अदरक, लहसुन, हरी मिर्च, विभिन्न प्रकार के साग-सब्जी और फल जलकर राख हो गए.
इनकी जल गई दुकानें
रकीब- आलू, राजन-टमाटर, मुमताज-मिर्च,इमरान-टमाटर, साजन-टमाटर, तबारक-टमाटर, साधु-गोभी, नसीम-बंध गोभी
फिरोज-फल, जब्बार-लहसुन अदरक, अल्ताफ-फल, अरशद-फल, मोहम्मद साबिर-अदरक,लहसुन,मिर्च, बबलू-गाजर, छोटू-गाजर, मुर्तुजा-शिमला मिर्च, बेबी देवी- सब्जी, रहमतुल्लाह-साग, तौशिम-गाजर, साजन-गाजर, बबलू-सब्जी, डब्लू-सब्जी,मन्नू-शिमला मिर्च, परवेज-नींबू, आसिफ-गाजर, चुन्नू-टमाटर, लड्डन-फल, निसार-टमाटर, नूर-सब्जी, मुस्लिम-सब्जी, आजम-सब्जी, डब्लू-गाजर, पप्पू-गाजर, जावेद-अदरक,टमाटर,साजिद-मिर्च, लहसुन, इकबाल-फल,हाजी नौशाद-आलू,प्याज, चुनचुन-फल, हाजी सलाम-फल, अरशद-सब्जी, साहब-गाजर, सोनू-गाजर, मालू-फल, कासिम-टमाटर, नसीम-टमाटर, साबिर-लहसुन, अयूब-टमाटर, जब्बार-टमाटर, बबलू-टमाटर, निसार-टमाटर, नसीम डब्लू-सब्जी,सूरज कुमार महतो सब्जी, बच्चन-सब्जी, तबरेज-आदि, चांदनीमाई-सब्जी, तारीक-लहसुन, पारस-सब्जी, अख्तर-सब्जी, अफरान-टमाटर, मन्नू-सब्जी, संजाल-झोला, आफताब-साग, जलदर-सब्जी, बकरुद्दीन-सब्जी और हफीजुल-सब्जी
क्या कहते हैं दुकानदार
-अपने जीवन की सारी जमा-पूंजी गंवा बैठी मंगनी देवी आंचल में बांध कर रखा 6 रुपया दिखा फफक पड़ती है. कहती है कि रात को खाना और दवा खाकर जैसे ही सोने गई लोग चीखने चिल्लाने लगे. आग की लपटे आसमान छू रहे थे. जान बचाने के लिए घर से बाहर निकली. लेकिन अपने बक्से को निकाल नहीं सकी. जिसमे साढ़े तीन लाख रुपए रखे हुए थे. इसमें एक लाख रुपया महाजन को देने के लिए रखी थी. सब जलकर स्वाहा हो गया. बता दें कि मंगनी अपने पति अब्दुल जब्बार के साथ यहां रहती हैं और पिछले 40 सालों से डेली मार्केट में अदरक, लहसुन बेचकर अपना गुजारा करती है.
-राईन मुहल्ला के रहने वाले दिव्यांग रकीब सुबह से अपनी जली हुई दुकान को निहार रहे हैं. कहते हैं कि आदि, लहसुन, शिमला मिर्च, टमाटर, हरी मिर्च और आलू-प्याज सब जलकर राख हो गया. सभी महंगी सब्जियां थी और कल ही माल मंगवाया था. एक लाख रुपए का माल जलकर राख हो गया. इसमें सात हजार रुपए का तराजू था. इसी दुकान के भरोसे परिवार चलता है. परिवार के 7 लोग मिलकर व्यवसाय करते हैं.
श्रीराम साधु साव और गीता देवी ने बताया कि 8 क्विंटल अदरक सहित 2 लाख का सामान जलकर राख हो गया. दो महीने बाद बेटी को शादी तय है. महाजन का उधार कैसे चुकाए, कुछ समझ नहीं आ रहा है. बात करते वक्त साधु साव की आंखों से आंसू छलक रहे थे.
-वहीं सागर गुप्ता की दुकान में रखे 80 हजार की हार्डवेयर सामग्री जल गई. सागर के 3 छोटे बच्चे हैं. वापस दुकान कैसे लगाई जाए, यह सवाल पूछे जाने पर उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. इस दौरान उन्होंने सरकार से मदद को आस जताई है.
-सब्जी विक्रेता बेबी देवी ने बताया कि 40 हजार का सामान उधार पर लाई थी. अब कुछ समझ नहीं आ रहा. उधार नहीं चुकाई तो महाजन माल नहीं देगा.
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