Kiriburu : सारंडा और लौहांचल क्षेत्र में पिछले चार दिनों से जारी तूफान व भारी वर्षा की वजह से पहाड़ी नदियां व नालें उफान पर हैं. तेज हवाओं की वजह से सारंडा जंगल के कई क्षेत्रों में दर्जनों पेड़-पौधे धाराशायी हो गये हैं. किरीबुरु शहर में पिछले तीस घंटों से भी अधिक समय से बिजली आपूर्ति लगभग ठप है. 13 सितम्बर सोमवार की अहले सुबह लगभग तीन बजे से लेकर मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे तक समाचार लिखे जाने तक शहर में बिजली आपूर्ति बाधित है. जिससे तमाम सेलकर्मी व आम जनता परेशान व रात भर अंधेरे में रहने को मजबूर हुए. मेघाहातुबुरु शहर में भी कई क्षेत्रों में तार टूटकर गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित है. हालांकि इस दौरान सेल के बिजली विभाग ने दर्जनों बार बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास किया, लेकिन जैसे ही चार्ज किया जाता है वैसे ही ट्रीप कर जाता है. बिजली नहीं रहने से लोगों की मोबाईल बैट्री भी डिस्चार्च हो गया है, जिससे वह एक-दूसरे से सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं. कई लोगों के घरों में लगा इन्वर्टर भी डिस्चार्ज हो गया है. बिजली आपूर्ति बाधित होने की मुख्य वजह तेज हवाओं की वजह से विद्युत लाईन पर गिरे पेड़ों की डालियां आदि से लाईन में खराबी आना है. वहीं दूसरी ओर कोहरा काफी घना हो गया है, दिन में भी ठीक से दिखना मुश्किल हो गया है. तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है. क्षेत्र का अधिकतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है.
गुवा-बड़ाजामदा मार्ग पर आवागमन ठप
दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में नॉन स्टॉप जारी भारी वर्षा की वजह से निचले क्षेत्रों से होकर बहने वाली कारो, कोयना जैसी प्राकृतिक नदियां उफान पर बह रही हैं. गुवा-बड़ाजामदा मार्ग पर कारो नदी पर स्थित लोहा पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे उस मार्ग से आवागमन ठप है. बडा़जामदा फुटबॉल एरिया के लोग भारी दहशत में हैं, क्योंकि जब भी भारी वर्षा होती है तब उस क्षेत्र में बाढ़ जैसा नजारा हो जाता है और लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. लेकिन अभी तक स्थिति वैसी भयावह नहीं देखने को मिल रही है लेकिन खतरा बरकरार है.