लोकसभा चुनाव में हिंसा फैलाने की तैयारी में है ये 39 बड़े नक्सली
Ranchi : सूबे में होने वाले लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की राह में सबसे बड़ी चुनौती नक्सली हिंसा पर लगाम लगाना है. झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है, जिस वजह से नक्सली संगठन बैकफुट पर है. हालांकि 39 ऐसे बड़े नक्सली हैं, जो लोकसभा में चुनाव में हिंसा फैलाने की तैयारी में हैं.
ये है 39 बड़े नक्सली जो चुनाव के दौरान दे सकते हिंसक घटनाओं को अंजाम
39 बड़े नक्सली जो चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, उनमें प्रयाग मांझी, मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल का नाम शामिल है. मिसिर बेसरा को छोड़कर सभी माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के मेंबर हैं. मिसिर बेसरा पोलित ब्यूरो मेंबर है. इसके अलावा अनुज, ब्रजेश गंझू, चमन उर्फ लंबू, लालचंद्र हेंब्रम, रघुनाथ हेंब्रम, अजय महतो और प्रकाश महतो भी हिंसा फैलाने की फिराक में हैं. टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू को छोड़कर सभी भाकपा माओवादी संगठन के सैक सदस्य हैं. रिजनल कमिटी के मेंबर मेहनत, रणविजय महतो, छोटू खेरवार, मार्टिन केरकेट्टा, आक्रमण गंझू, रामप्रसाद मारडी, नितेश यादव, रविंद्र गंझू, अमित मुंडा, बेला सरकार, गणेश भारती, पूनम और मदन महतो हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं जोनल कमिटी के मेंबर मनोहर परहिया, आरिफ, रामदयाल महतो, मृत्युंजय जी, अरविंद भुइयां, पप्पू लोहरा, मनोहर गंझु, नीरज सिंह खेरवार, साहेबराम मांझी, विवेक यादव, सीताराम रजवार और गोदराय यादव का भी नाम इसमें शामिल है.
अति माओवाद प्रभाव वाले 25 जिले में झारखंड के आठ जिले शामिल
माओवादियों की सक्रियता के लिहाज से झारखंड के आठ जिले अति माओवाद प्रभाव श्रेणी में हैं. वहीं राज्य के 16 जिलों में माओवादियों का प्रभाव है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, पूर्व में देशभर के 90 जिले माओवाद प्रभावित थे. लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 70 रह गयी है. केंद्र ने 70 में से 25 जिलों को अति माओवादी प्रभाव वाला माना है. देश के अति माओवाद प्रभाव वाले 25 में 8 जिले झारखंड के हैं. इनमें चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं झारखंड में माओवाद प्रभाव वाले 16 जिलों में रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.