Bhopal : रायसेन जिले (मध्य प्रदेश) में स्थित एक शिशु गृह में तीन हिंदू बच्चों का धर्मपरिवर्तन कर मुस्लिम बनाये जाने की खबर आयी है. जानकारी के अनुसार ये बच्चे कोरोनावायरस महामारी के दौरान अपने माता-पिता से बिछड़ गये थे. राष्ट्रीय बाल आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है. मामला सामने आते ही अधिकारियों ने शिशु गृह का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है. सूत्रों के अनुसार पुलिस संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने वाली है.
रायसेन,मध्यप्रदेश में शिशुगृह के निरीक्षण में 3 बच्चों के नाम व धर्म बदल कर बालगृह संचालक द्वारा नए नाम व धर्म के दस्तावेज बनवा लेने का मामला मिला है।बच्चों के धर्मपरिवर्तन का मामला गम्भीर है,ज़िला प्रशासन को संचालक हसीन परवेज़ के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 12, 2022
संचालक हसीन परवेज ने बच्चों के नाम बदल दिये
जिला रायसेन राजधानी भोपाल के नजदीक है. खबरों के अनुसार यहां गौहरगंज स्थित सरकारी अनुदान प्राप्त एक शिशु गृह में तीन बच्चे रह रहे थे. इनमें एक लड़का और दो लड़कियां हैं. इन बच्चों की उम्र 4 से 8 वर्ष के बीच बताई गयी है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिशु गृह के संचालक हसीन परवेज ने बच्चों के नाम बदलकर मुस्लिम कर दिये. यह भी आरोप है कि बच्चों के नये आधार कार्ड भी बनवा दिये गये. यहां तक कि आधार कार्ड में बच्चों के माता-पिता की जगह परवेज ने अपना ही नाम दर्ज कराया.
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साल 2020 में तीनों बच्चे भोपाल में भटक रहे थे
जानकारी के अनुसार साल 2020 में तीनों बच्चे भोपाल में भटक रहे थे. भोपाल कल्याण समिति ने उन्हें देखा. समिति ने इन बच्चों को रायसेन बाल कल्याण समिति के हवाले किया. बाद में माता-पिता की खोज होने तक उन्हें गौहरगंज के गोदी शिशु गृह में रखा गया. इसका संचालन नवजीवन सामाजिक संस्था करती है. सूत्रों के अनुसार NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौखिक शिकायत के आधार पर शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे. उस क्रम में उन्होंने पाया कि बच्चों की पहचान बदल दी गयी है. बच्चों ने उन्हें बताया कि पहले उनके नाम अलग थे, लेकिन यहां उनके नाम बदले गये. कानूनगो ने बताया कि रिकॉर्ड जब्त कर जांच के आदेश दिये गये हैं.
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लॉकडाउन में बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गये थे
रिपोर्ट के अनुसार 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गये थे. वर्तमान में बच्चे के पिता के बारे में जानकारी मिल गयी है. वह दमोह में रहता है. मां के बारे में पता लगाया जा रहा है. हालांकि शिशु गृह के संचालक ने सफाई देते हुए कहा कि बच्चे को छोड़ने आये लोगों ने उनके मुस्लिम होने की जानकारी दी थी.