- एनडीए व महागठबंधन हुआ चौकन्ना, फ्लोर टेस्ट सबों के लिए होगी अग्निपरीक्षा
- कल विधान सभा में साबित करना है बहुमत, स्पीकर का भी होगा चुनाव
- भोज की राजनीति में विधायकों को जुटाने की कवायद
Gyanvardhan Mishra
Patna : बिहार में एनडीए सरकार के अस्तित्व को लेकर सोमवार को विधान सभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में अप्रत्याशित तेजी आ गयी है. विधायकों को जोड़े रखने के लिए भोज की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है. 48 घंटे में कोई बड़ा ”खेला” न हो जाए, इसे लेकर एनडीए और मगठबंधन में शामिल घटक दल के नेता सतर्क हो उठे हैं. भाजपा और जदयू ने अपने सभी विधायकों को काल कर पटना में रहने का फरमान जारी किया है. अंत-अंत तक खेला होने का दावा करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी कठिन अग्निपरीक्षा के दौर से गुजरना पड़ रहा है. एक ओर जहां परिवार के सदस्यों पर ईडी के रडार तो दूसरी ओर 12 को बहुमत साबित करने की मशक्कत. चिंता सिर्फ राजद में ही नहीं बल्कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को भी है. वामदल तनाव रहित है क्योंकि उसके विधायक एकजुट हैं. कमोबेश यही स्थिति एनडीए में है. महागठबंधन के इस दावे की कि जदयू के कई विधायक उनके संपर्क में है, जदयू चौकन्ना हो उठा है. मंत्री विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार अपने विधायकों से निरंतर संपर्क बनाने में जुटे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी द्वारा दिये गए रात्रि भोज के बाद श्रवण कुमार ने भी इसका आयोजन किया.
सक्रिय हुए लालू प्रसाद
विश्वासमत में एनडीए सरकार की हार के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पूरी तरह सक्रिय हो गये हैं. सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद ने माले के दो विधायकों को अपना दूत बना कर जीतन राम मांझी को मनाने के लिए भेजा. जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन से मुलाकात करने के बाद बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम ने गोल मटोल जवाब दिया और कहा कि मांझी जी हमारे गार्जियन हैं, उनके स्वास्थ्य का हाल पूछने के लिए गये थे. खुशी की बात है कि जीतन राम मांझी पूरी तरह से स्वस्थ हैं और वे अच्छा ”खेल” दिखाएंगे. माले के एक अन्य विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि जीतन राम मांझी गरीबों का सवाल उठाते रहे हैं. हम लोग उनसे आग्रह करने आए थे कि आगे भी वे गरीबों के मुद्दों को उठाते रहें. मांझी हमारे गार्जियन हैं, उनसे मुलाकात नहीं कर सकते हैं क्या? माले विधायकों की अचानक मांझी जी से मुलाकात ने नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
12 फरवरी से शुरू होने वाले बिहार विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधान सभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा. वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अब तक अपना त्यागपत्र नहीं दिया है. जाहिर है कि मतदान प्रक्रिया अपनाई जाएगी. यही फ्लोर टेस्ट साबित कर देगा कि बहुमत किसके पास है. नीतीश सरकार के प्रति विश्वास प्रस्ताव का भी यह मजबूत आधार बनेगा.
फ्लोर टेस्ट में कोई खेला नहीं होगा: भाजपा
इस संबंध में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने पार्टी की ओर से कड़ा संदेश दिया है. मिश्र ने कहा कि सोमवार को होनेवाले फ्लोर टेस्ट में कहीं कोई खेला नहीं होनेवाला है. एनडीए सरकार बड़ी आसानी से बहुमत साबित कर लेगा. महागठबंधन के एक फैमिली लिमिटेड दल की ओर से भले ही अनलिमिटेड दावे किये जा रहे हों. लेकिन, फ्लोर टेस्ट में उनके सारे दावे फुस्स हो जाएंगे. अब इस फैमिली पार्टी को अपनी पार्टी में खेला होने का डर सता रहा है. पार्टी के कई विधायक असंतुष्ट हैं. एनडीए में कोई खेला नहीं होनेवाला. इस तरह का सपना देखने वाले लोग पहले अपनी पार्टी को देखें. एनडीए पूरी तरह एकजुट है और फ्लोर टेस्ट सिर्फ एक औपचारिकता है. मिश्र के अनुसार इस फ्लोर टेस्ट में महागठबंधन के घटक दलों की गीदड़ भभकी का भी टेस्ट हो जाएगा. जब भी फ्लोर टेस्ट की बात आती है, कांग्रेस की ही बेचैनी क्यों बढ़ जाती है. इसकी वजह साफ है कांग्रेस के विधायक पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं. जिस पार्टी की कोई नीति नहीं है, उस पार्टी में रह कर अपना भविष्य अंधकारमय देख रहे हैं. यहीं कारण है कि कांग्रेस को हमेशा अपनी पार्टी में बगावत का डर सताते रहता है.
कुल सीट : 243
बहुमत के लिए चाहिए : 122
दलीय स्थिति :
महागठबंधन
- – राजद : 79
- – कांग्रेस : 19
- – वामदल : 16
- – कुल : 114
- – (बहुमत के लिए चाहिए 8 मत )
एनडीए
- – भाजपा : 78
- – जदयू : 45
- – हम : 04
- – निर्दल : 01
- – कुल : 128
- – (बहुमत से 6 अधिक )