LagatarDesk : भारत में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च को है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान शिव की उपासना के लिए यह सर्वोच्च दिन है.
शिव की पूजा करते समय बरतें सावधानियां
शिव भक्त आज महाशिवरात्रि का व्रत रखेंगे. इस दिन व्रती को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए. साथ ही पूजा करते समय सावधानियों भी बरतनी चाहिए. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के व्रत में कौन से कार्य करने से बचना चाहिए.
काले कपड़े ना पहनें और बिना स्नान किये भोजन ना करें :महाशिवरात्रि पर बिना स्नान किये कुछ ना खाएं. अगर आपने व्रत नहीं किया है तब भी बिना स्नान किये भोजन ग्रहण ना करें. महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है. साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाये जाने वाले प्रसाद को ग्रहण ना करें. क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है. ऐसा करने से धन हानि भी हो सकती हैं.
महाशिवरात्रि के दिन ये चीजें कभी ना खाएं : महाशिवरात्रि के दिन दाल, चावल या गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें. व्रत में आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं. सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने से तन और मन की शुद्धि होती है.
महाशिवरात्रि के दिन रात में नहीं सोएं : महाशिवरात्रि के दिन देर तक ना सोएं. रात के समय सोने से बचें. रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव के भजन सुनें और आरती करें. व्रत को अगली सुबह स्नान के बाद प्रसाद ग्रहण कर शिवजी को तिलक लगाकर व्रत खोला जा सकता है.
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शिवलिंग पर भूलकर भी ना अर्पित करें ये चीजें
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए. आइये आपको बताते हैं कि कौन-कौन सी चीजें भगवान शिव में अर्पण नहीं करना चाहिए.
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते कभी ना चढ़ाएं : शिवलिंग पर कभी भी तुलसी के पत्ते ना चढ़ाएं. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं. अभिषेक के लिए हमेशा चांदी या कांसे के पात्र का इस्तेमाल करें. अभिषेक के लिए कभी भी स्टील के बर्तनों का प्रयोग ना करें.
केतकी के फूल ना चढ़ाएं : भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं. ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था. केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए.
टूटे हुए चावल भूलकर ना चढ़ाएं : भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए. अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है. इसलिए शिव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें कि चावल टूटे हुए तो नहीं है. शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है. व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए, हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए.
टूटे हुए बलेपत्र भगवान को ना करें अर्पित : शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो. टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए.
शिवलिंग पर सिंदुर का टीका ना लगाएं : शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम यानी सिंदुर का टीका ना लगाएं. महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं. हालांकि भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं.
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