Gaurav Prakash
Hazaribagh: झारखंड के बहुचर्चित माहेश्वरी परिवार मौत का मामला जल्द सुलझ सकता है. पिछले मंगलवार को रांची में चार सदस्यीय टीम ने सीआइडी से पूछा कि जांच कहां तक पहुंची है. जो जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था, उस रिपोर्ट में क्या बातें सामने आयी हैं. लेकिन इन बातों का जवाब सीआइडी ने प्रस्तुत नहीं किया. इस पर दिल्ली से आयी मानवाधिकार की टीम ने एतराज जताया.
टीम ने 21 दिनों का अल्टीमेटम दिया कि जांच की प्रगति रिपोर्ट दें. साथ ही यह भी कहा गया कि अगर जांच पूरा नहीं कर पाएंगे, तो दूसरी एजेंसी को जांच दी जा सकती है. ऐसे में उम्मीद लगायी जा रही है कि आने वाले समय में अगर CID अपनी जांच पूरी नहीं करती है, तो सीबीआई को भी जांच मिल सकती है. बता दें कि चार सदस्यीय मानवाधिकार टीम का नेतृत्व जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे थे. इसमें सीआइडी की ओर से डीआईजी कार्तिक भी उपस्थित थे. वहीं हजारीबाग से भी इस मामले में पदाधिकारी पहुंचे थे. अभी झारखंड में कुल 53 केस मानवाधिकार की ओर से देखी जा रही है. इसमें माहेश्वरी हत्याकांड मामला भी शामिल है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान माहेश्वरी परिवार मौत प्रकरण का मामला 18वें नंबर पर रखा गया था.
मामले की जांच के दौरान सीआइडी को मानवाधिकार की टीम की ओर से फटकार भी लगाई गई. पूछा कि आखिर क्या कारण है कि आज तक अपनी जांच पूरी नहीं कर पाए. क्यों अब तक रिपोर्ट उनके पास नहीं आयी है. अगर वे लोग 21 दिनों के अंदर रिपोर्ट सबमिट नहीं करेंगे तो हो सकता है कि जांच सीबीआई को दे दी जाए.
दो साल बाद भी जांच पूरी नहीं हुई
14 जुलाई 2018 को खजांची तालाब के पास बने सीडीएम शुभम अपार्टमेंट के तीसरे तले कमरा नंबर 303 में रह रहे माहेश्वरी परिवार के छह लोगों के मौत का मामला प्रकाश में आया था. आज भी यह गुत्थी सुलझ नहीं पायी है कि यह हत्या या आत्महत्या की घटना है. मरने वालों में परिवार के मुखिया महावीर अग्रवाल, पत्नी किरण अग्रवाल, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन अग्रवाल और पोती अन्वी उर्फ परी अग्रवाल थी. इनमें महावीर अग्रवाल का शव बेडरूम के पंखे से लटका मिला था, वहीं नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के बाहर नीचे गिरा पड़ा था, जिसका हाथ व पैर टूटा था. किरण अग्रवाल का गला काट कर बिस्तर पर शव पड़ा था. प्रीति अग्रवाल का शव पंखे से लटका मिला था. वहीं पोता अमन को भी फांसी पर लटकाया गया था. पोती अन्वी का शव सोफा से बरामद हुआ था. वहीं दो साल तक हजारीबाग पुलिस तहकीकात पूरी नहीं कर पायी, तो यह पूरा मामला सीआइडी को दे दिया गया था. लेकिन अब लगभग दो साल केस सीआइडी को मिलने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है.
अपार्टमेंट के पास पहुंची सीआइडी की टीम
जानकारी के अनुसार बुधवार को सीआईडी की टीम हजारीबाग उसी अपार्टमेंट के पास पहुंची, जहां घटना घटी थी. लेकिन इस बात की जानकारी पीड़ित परिवार को भी नहीं है. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सीआइडी की टीम फिर से हजारीबाग में बहुचर्चित माहेश्वरी परिवार मौत प्रकरण की जांच कर सकती है.
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