सीआईएसएफ ने अरूप चटर्जी सहित सौ लोगों के खिलाफ दर्ज करायी एफआईआर
Maithon (Dhanbad) : मैथन दुकानदार समिति द्वारा 25 जनवरी को पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में डीवीसी प्रशासनिक भवन के समक्ष आंदोलन किया गया था. इस दौरान हुए लाठीचार्ज के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर ददन सिंह ने पूर्व विधायक अरूप चटर्जी सहित आठ मासस समर्थकों को नामजद करते हुए करीब सौ लोगों के खिलाफ मैथन ओपी में एफआईआर दर्ज कराया है. वहीं मासस कार्यकर्ता सोहन किस्कू ने भी डीवीसी मैथन के डीजीएम अनूप पुरकायस्थ, सीआईएसएफ के उप कमांडेंट अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर ददन सिंह सहित आठ जवानों को नामजद करते हुए 25 जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इस संबंध में मैथन ओपी प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बताया जा रहा है कि दोनों ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद दुकानदारों की समस्या सुलझने की बजाये अब और उलझ गया है. सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर ददन सिंह द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, मुखिया बबलू चौधरी, साहेब घोष, रवि मल्लाह, शिबू, अमित साव, मुन्ना कुमार, पिंटू विश्वकर्मा को नामजद आरोपी बनाया गया है. इनलोगों पर आरोप है कि सौ अज्ञात लोगों के साथ लेकर डीवीसी प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट के समक्ष नजायज मजमा लगाकर गेट जाम किया. इस दौरान ड्यूटी जा रहे कर्मियों, अधिकारियों सहित ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ जवानों के साथ बदतमीजी करना, ड्यूटी करने से रोकना, हिंसा करने आदि का आरोप लगाया गया है. वहीं मासस कार्यकर्ता सोहन किस्कू द्वारा दर्ज कराये गये एफआईआर में कहा गया है कि हमलोग दुकानदारों के कुछ मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे. इस दौरान डीवीसी के डीजीएम अनूप पुरकायस्थ गेट पर आये और सीआईएसएफ के डीसी अनिल कुमार सिंह को बुलाया. उन्हें आदेश दिया कि सभी लोगों को मारकर भगाओ. अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि ये लोग अपने आपको क्या समझते हैं, फिर जाति सूचक भाषा का प्रयोग किया और लाठीचार्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद सीआईएसएफ के डीसी अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर ददन सिंह, जवान जोमन जोसेफ, शैलेन्द्र कुमार, जीवी पटेल, शाहरूख, अजय सिंह, जसप्रीत सिंह, पवन पांडेय, मुकुंद कुमार सहित 25 जवानों ने लाठीचार्ज करते हुए बेहरमी से मुझे एवं धरना पर बैठे निहत्थे लोगों को पीटने लगे. जिससे मेरा बायां हाथ व पैर टूट गया है और धरना पर बैठे करीब 20 साथियों को चोटें आईं है. इतना ही नहीं सीआईएसएफ जवानों ने पथराव करते हुए धरनार्थियों के करीब 20-25 वाहनों को भी तोड़फोड़ दिया. हमलोगों ने जैसे-तैसे भागकर जान बचायी.
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