NewDelhi : मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गये हैं. खबरों के अनुसार उन्हें 7897 वोट मिले,वहीं शशि थरूर को 1072 वोट मिले हैं. कुल 9385 वोट पडे़. 416 वोट रद्द हो गया. खड़गे की जीत पर शशि थरूर ने उन्हें बधाई दी है. शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में अपना योगदान देने के लिए मैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का धन्यवाद करता हूं.कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला. इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे.
#CongressPresidentElection | Mallikarjun Kharge wins the Congress presidential elections with 7897 votes, Shashi Tharoor got about 1000 votes; 416 votes rejected
(File photo) pic.twitter.com/fyBtRF9Tex
— ANI (@ANI) October 19, 2022
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It is a great honour & a huge responsibility to be President of @INCIndia &I wish @Kharge ji all success in that task. It was a privilege to have received the support of over a thousand colleagues,& to carry the hopes& aspirations of so many well-wishers of Congress across India. pic.twitter.com/NistXfQGN1
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
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बता दें कि वोटों की गिनती के बीच शशि थरूर के पोलिंग एजेंट सलमान सोज ने चुनाव के दौरान हुई गड़बड़ी की लिखित शिकायत सीईए मधुसूदन मिस्त्री से की थी. सलमान सोज ने तीन राज्यों पंजाब, यूपी, तेलंगाना में चुनाव में धांधली के आरोप लगाये हैं.हालांकि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाला पत्र लीक हो जाने को शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीईए को लिखा एक आंतरिक पत्र मीडिया में लीक कर दिया गया. मुझे उम्मीद है कि सलमान सोज के स्पष्टीकरण से अनावश्यक विवाद खत्म हो जायेगा. यह चुनाव कांग्रेस को मजबूत करने के लिए है न कि बांटने के लिए.
1977 के लोकसभा चुनाव में हार के देव कांत बरूआ ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे दे दिया था
1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली थी, जिसके बाद देव कांत बरूआ ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे दे दिया था. इसके बाद हुए चुनाव में ब्रह्मानंद रेड्डी ने सिद्धार्थ शंकर रे और करण सिंह को हराया. 20 साल बाद 1997 में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. इस चुनाव में सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की. उन्हें 6,224 वोट मिले जबकि पवार को 882 और पायलट को महज 354 वोट मिले थे.
सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने दावा ठोका था
2000 में हुए चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने दावा ठोका था. इस चुनाव में प्रसाद को करारी हार मिली थी. सोनिया को 7,400 से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि प्रसाद के खाते में 94 वोट पड़े थे. सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सबसे लंबे समय तक काबिज रहने वाली एकमात्र नेता हैं. वह 1998 से इस पद पर हैं. 2017 और 2019 में राहुल गांधी ने इस पद को संभाला था.