NewDelhi : ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से गठित आयोग द्वारा पेगासस जासूसी के आरोपों की जांच किये जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. जान लें कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने पेगासस केस को लेकर पूर्व एससी जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता में 2 सदस्यीय आयोग का गठन किया था.
आज शुक्रवार को इम मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी पर रोक लगा दी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी करते हुए ग्लोबल विलेज फाउंडेशन (NGO) द्वारा दायर याचिका पर जवाब तलब किया है. खबर है कि याचिका में आयोग का गठन करने वाली पश्चिम बंगाल सरकार को चुनौती दी गयी है.
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जांच आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
पेगासस मामले की सुनवाई के क्रम में चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपने कहा था कि आप कुछ नहीं करेंगे. इस पर सिंघवी ने कहा, कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कुछ नहीं किया जा रहा है. इसके बाद कोर्ट ने किसी भी तरह की जांच पर रोक लगाते हुए जांच आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बता दें कि मामला कोर्ट में पहुंचने पर सरकार ने हलफनामा दिया था कि वह जांच बंद करने जा रही है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली ने 25 अगस्त को एफिडेविट देने के बाद भी जांच न बंद करने पर कड़ी आपत्ति जताई. बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट में मौजूद सीनियर वकील एएम सिंघवी से कोर्ट ने कहा कि आपने हलफनामा दिया था कि केस कोर्ट में होने पर बंगाल सरकार जांच नहीं करेगी, लेकिन सरकार की जांच जारी है.
अब पेगासस मामले की जांच पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित जस्टिस लोकुर आयोग नहीं करेंगे. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोकुर आयोग की जांच की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. आयोग वैधानिक बॉडी है, सरकार उसे आदेश जारी नहीं कर सकती है.
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