Kolkata: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है. अल्पन सोमवार को रिटायर हो गये. हरिकृष्ण द्विवेदी को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. इससे पहले प. बंगाल सरकार ने अल्पन बंदोपाध्याय को दिल्ली जाने के लिए रिलीव करने से इंकार कर दिया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अल्पन के दिल्ली बुलाने के आदेश को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा था कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है. प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में ममता ने तीन माह का सेवा विस्तार दिये जाने के बाद मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था.
प्रधानमंत्री को लिखा पांच पन्नों का पत्र
प्रधानमंत्री को लिखे पांच पन्नों के पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाये जाने के एकतरफा आदेश से मैं स्तब्ध और हैरान हूं. यह कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूर्णतः असंवैधानिक आदेश है. उन्होंने लिखा है कि इस गंभीर समय में ‘पश्चिम बंगाल सरकार मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती और न ही उन्हें कार्यमुक्त कर रही है. मुख्यमंत्री ने यह अनुरोध भी किया है कि राज्य सरकार के साथ विचार के बाद केंद्र ने मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने का जो आदेश दिया था, उसे ही प्रभावी माना जाये.
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ममता ने प्रधानमंत्री से कहा है कि मैं आपसे विनम्र आग्रह करती हूं कि अपने फैसले को वापस लें और व्यापक जनहित में तथाकथित आदेश को रद्द करें. मैं बंगाल की जनता की तरफ से आपसे अंतरात्मा तथा अच्छी भावना से काम करने की अपील करती हूं. उन्होंने कहा कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाये गये कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है.
पीएम की बैठक में भाजपा विधायक को बुलाने का जिक्र किया
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में बनर्जी ने लिखा है कि यह बात समझ में नहीं आयी कि 24 मई को मुख्य सचिव को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ. उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला) और कलाईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेनादेना नहीं है. सुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं लेते हुए ममता ने लिखा है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है, उसी तरह से मैं आपसे बात करना चाहती थी. लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया. जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है. पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को रिटायर होने वाले थे. केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया था.