सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वर्तमान परिस्थिति में अलापन बंद्योपाध्याय रिलीव करना संभव नहीं है
Kolkata : बंगाल की ममता सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी रार थमती नजर नहीं आ रही है. खबरों के अनुसार बंगाल ने अपने चीफ़ सेक्रेटेरी को रिलीव नहीं किया है. बता दें कि मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र की तरफ से 31 मई की सुबह 10 बजे तक दिल्ली में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था. लेकिन सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने उन्हें अब तक रिलीव नहीं किया है.
सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा
सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वर्तमान परिस्थिति में अलापन बंद्योपाध्याय रिलीव करना संभव नहीं है. उन्होंने आग्रह किया कि उनके तबादले का आदेश वापस ले लिया जाये. बता दें कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में मुख्य सचिव का पदभार संभाला था. वह 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे. लेकिन इसके बाद भी राज्य ने केंद्र को उन्हें मुख्य सचिव के रूप में बनाए रखने का प्रस्ताव भेजा. केंद्र भी राजी हो गया.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह बहुत ही दुखी है कि एकतरफा तरीके से तबादले का निर्णय किया गया है. इस संबंध में राज्य सरकार से कोई भी संपर्क नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में मुख्य सचिव को रिलीव करना संभव नहीं है. उन्होंने तीन पेज के अपने पत्र में यास चक्रवाती तूफान को लेकर हुई बैठक का भी उल्लेख किया है.
अलापन बंद्योपाध्याय ममता बनर्जी के नेतृत्व में होने वाली बैठक में शामिल होंगे
जानकारी मिली है कि अलापन बंद्योपाध्याय सोमवार को सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में होने वाली बैठक में शामिल होंगे. बैठक में यास चक्रवात और कोरोना महामारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा संभव है. सूत्रों का कहना है कि इस मामलें में केंद्र का रूख सख्त है. माना जा रहा है कि अलापन को रिलीव न करने पर बंगाल सरकार को केंद्र द्वारा निर्देश जारी किया जा सकता है. इस मुद्दे पर पूर्व शीर्ष नौकरशाहों और विधि विशेषज्ञों की मानें, तो केंद्र सरकार के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को सेवानिवृत्त होने के दिन दिल्ली बुलाने के अपने आदेश का अनुपालन कराना मुश्किल हो सकता है.
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राज्य सरकार उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर सकती है
राज्य सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर सकती है. जान लें कि केंद्र ने श्री बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर पीएम मोदी के साथ ममता बनर्जी की बैठक को महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद जारी किया गया. हालांकि इस घटना कुछ दिन पहले ही राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का आदेश केंद्र ने जारी किया था.
एकतरफा आईएएस या आईपीएस अधिकारी का तबादला करना मुश्किल
इस मामले में भारत सरकार के पूर्व सचिव जवाहर सरकार का कहना है कि राज्य सरकार ऐसे तबादलों को नियंत्रित करने वाले अखिल भारतीय सेवा नियमावली को रेखांकित कर विनम्रता से जवाब दे सकती है. कहा कि केंद्र के लिए एकतरफा तरीके से आईएएस या आईपीएस अधिकारी का तबादला करना मुश्किल है, जो उसके नियंत्रण में नहीं है बल्कि संघ के भीतर दूसरे सरकार के अधीन है. बताया कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के नियम 6 (1) के तहत किसी राज्य के काडर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति केंद्र या अन्य राज्य या सार्वजनिक उपक्रम में संबंधित राज्य की सहमति से की जा सकती है.