Ranchi : दिल्ली हाईकोर्ट ने NIA की स्पेशल कोर्ट को निर्देश दिया है कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज एक केस में नौ साल से अधिक समय से जेल में बंद आरोपी की जमानत याचिका पर 75 दिनों के भीतर फैसला करे. दरअसल इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेटिव, मंज़र इमाम को अगस्त 2013 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) ने गिरफ्तार किया था. मंजर पर आरोप है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची और देश के प्रमुख स्थानों को निशाना बनाने की तैयारी की. मंजर इमाम के वकील द्वारा निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ इसे वापस लेने के बाद न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने जमानत याचिका निष्पादित कर दी. एनआईए की ओर से पेश हुए वकील ने पहले तर्क दिया कि इमाम ने विशेष न्यायाधीश से संपर्क करने के उपाय को समाप्त नहीं किया है.
इसे भी पढ़ें – जमशेदपुर : सालखन 27 को रांची में करेंगे आदिवासी बचाओ विचार सम्मेलन
1 अक्टूबर 2013 से हिरासत में लिया गया था
इमाम के वकील ने अदालत को बताया कि वह 1 अक्टूबर 2013 से हिरासत में है और नौ साल से जेल में बंद है. मंजर के खिलाफ अब तक आरोप भी तय नहीं किया गया. इस मामले में कुल 369 गवाहों की जांच की जानी है. मंजर के खिलाफ UAPA की धारा 17, 18, 18बी और 20 और IPC की धारा 121ए और 123 के तहत प्राथमिकी दर्ज है. 2021 में मंजर ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपने मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष एक और याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि एनआईए मामलों में आरोपी व्यक्ति बिना पूरा करे या त्वरित सुनवाई के बिना वर्षों से जेल में बंद हैं.
इसे भी पढ़ें – राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक के रायचूर पहुंची