Ranchi : राजधानी में गर्मी की दस्तक के साथ ही रांची नगर निगम – RMC क्षेत्र के कई वार्डों में पानी की किल्लत से लोग जूझने लगे हैं. शहर के कई इलाकों में पानी का लेवल नीचे जा चुका है. स्थिति बिगड़ते देख कई इलाके के लोगों ने रांची नगर निगम से टैंकर से पानी भी मंगवाना शुरू कर दिया है, ताकि लोग अपने घरों के जरूरी काम निपटा सकें.
इसमें शहर के भीड़-भाड़ इलाके वाले हरमू इलाका भी शामिल है. इसके अलावा कई ऐसे इलाके भी है, जहां अभी तक पाइप लाइन नहीं बिछे होने के कारण पानी की आपूर्ति आज तक नहीं हो पायी है. ऐसे में अब निगम ऐसे इलाकों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम शुरू कर दिया है. निगम ने हरमू इलाके में विशेष जोर देने का निर्देश भी जलबोर्ड शाखा को दिया है. बता दें कि हरमू इलाके में पानी की खबर मीडिया में प्रमुखता से आयी थी.
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हरमू इलाके में कैंप लगाने का मेयर ने दिया था निर्देश
हरमू इलाके में पानी की किल्लत शुरू होते देख विगत दिनों मेयर आशा लकड़ा ने जलापूर्ति शाखा के अधिकारी को निर्देश दी थी. उन्होंने कहा था कि हरमू क्षेत्र में नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन के लिए 13 मार्च को कैम्प लगाएं. साथ ही अधिक से अधिक लोगों को नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने के लिए मोटिवेट करें.
केवल 30 से 40 प्रतिशत घरों तक पहुंच पाया है पानी
हरमू इलाके में पानी की किल्लत को देखते हुए स्थानीय पार्षद अरूण झा (वार्ड नंबर 26) ने भी विगत दिनों नगर विकास सचिव को एक पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि उनका वार्ड पूर्ण रूप से ड्राई जोन है. यहां प्रति वर्ष पानी के लिए हाहाकार मचता है. इस वार्ड में 90 से 95 प्रतिशत भागों में पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है. लेकिन जेएनएनयूआरएम और जूडको द्वारा बिछाये पाइप लाइन इन दिनों कानूनी दांव-पेंच में फंस गया है. जिसके चलते वार्ड के मात्र 30 से 40 प्रतिशत घरों तक ही इस गर्मी में पानी की आपूर्ति हो सकेगी. ऐसे में जरूरी है कि बिछाये गये सभी पाइपों के माध्यम से सभी घरों तक जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का काम विभाग करें.
टैंकरों की हालत भी काफी खराब, 76 में से 30 हो गए बर्बाद
गर्मी के दौरान निगम शहरवासियों को पानी आपूर्ति का काम टैंकरों के माध्यम से करता है. शहर को पानी पिलाने के लिए नगर निगम के पास कुल 63 टैंकर थे. वहीं 13 टैंकर राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार के फंड से खरीदे गए थे, जिससे कि पूरे शहर में पानी की सप्लाई बिना किसी रुकावट के की जा सके. अब उसमें से आधे टैंकर (करीब 76 और 30) मेंटनेंस के अभाव में जर्जर हो चुके हैं. कई टैंकरों में जंग लग चुका है और कुछ टैंकर जंग लगने के बाद पूरी तरह कबाड़ बन चुके हैं. कई टैंकरों में तो जंग लगने के बाद छेद हो गए हैं, जिससे कि टैंकर में पानी भरने के बाद पानी बहता रहता है. टैंकर की रिपेयरिंग नहीं कराई जाती है तो इस गर्मी काफी परेशानी होगी.
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