Mayank Vishwakarma
Barwadih (Latehar): हाल के वर्षों में बरवाडीह में भाजपा के कई नेता असमय ही दिवगंत हो गये हैं. उनके दिवगंत होने से पार्टी में एक रिक्तता आ गयी है. भाजपाई से संगठन के लिए अपूरणीय क्षति मान रहे हैं. दो दिन पूर्व भाजपा के मंडल महामंत्री प्रदीप सिंह की असमय मौत हो गयी. तीन वर्ष पूर्व बरवाडीह में भाजपा मंडल अध्यक्ष व जुझारू कार्यकर्ता जयवर्द्धन सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. जयवर्द्धन सिंह की मौत के बाद बरवाडीह भाजपा कमिटी का स्तंभ ढह गया था. उसे जयवर्द्धन सिंह के काफी करीबी और सहयोगी रहे प्रदीप सिंह ने उसी मुकाम पर खड़ा कर दिया था.
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प्रदीप सिंह ने भाकपा माले से की थी राजनीतिक शुरुआत
भाकपा माले से अपनी राजनीतिक जीवन का शुभारंभ करने वाले प्रदीप सिंह ने गांव से शहर तक एक मजबूती से एक लीडर के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. बाद में नक्सलियों के गढ़ रहे बरवाडीह जैसे क्षेत्र में विषम परिस्थिति में भी प्रदीप सिंह ने भाजपा की राजनीति कर पार्टी को दो बार मनिका विधानसभा में जीत दिलवाने में अहम भूमिका अदा की थी.
बरवाडीह भाजपा ने खोए कई दिग्गज नेता
पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री यमुना सिंह को मनिका विधानसभा क्षेत्र से भाजपा पार्टी से लगातार जीत दिलवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता तार बाबू के गुजर जाने के बाद से बरवाडीह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सरस्वती शिशु मंदिर और अभाविप जैसे भाजपा के सहयोगी संगठन तो पूर्व में ही लड़खड़ा चुके थे. विजय बहादुर सिंह, मानिक चंद्र अग्रवाल, अमरेंद्र नारायण नाथ उर्फ खोखा दादा, जयवर्द्धन सिंह व प्रदीप सिंह जैसे पुराने व समर्पित कार्यकर्ता गुजर गये. जिसके बाद बृजकिशोर प्रसाद व द्वारिका प्रसाद जैसे अनुभवी कार्यकर्ताओं के अपने निजी कारणों से पार्टी से दूरी बनाने के बाद बरवाडीह भाजपा की पूरी कमान अब भाजपा यूथ कमिटी पर ही टिकी हुई दिखती है. ये अपने मकसद पर कितना कामयाब हो पाते हैं, यह तो आगामी चुनावों के नतीजे ही बता सकते हैं.
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