जीटी रोड किनारे होटलों व ढाबों में ज्यादा कीमत पर परोसी जाती शराब
- शाम होते ही होटलों व ढाबों में आने लगते हैं मदिरा के दीवाने
- अवैध रूप से ज्यादा कीमत पर बेची व पिलाई जाती है शराब
Vismay Alankar/Suresh Pandey
Hazaribagh : आबकारी विभाग के सारे कायदे-कानून राष्ट्रीय राजमार्गों पर कम ही देखने को मिलेंगे. हजारीबाग में सबसे अधिक अवैध मयखाने इन्हीं राजमार्गों पर मिलेंगे. जिले के बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली जीटी रोड किनारे गांव सकरेज से लेकर बरकट्ठा तक करीब 30 होटल और ढाबे हैं, जहां खुलेआम शराब परोसी जाती है. वहीं, गिरिडीह जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बरकट्ठा से गोरहर अटका तक करीब एक दर्जन होटलों व ढाबों में जाम से जाम टकराने की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.
यहां के ढाबे और होटलों में शराब पीने वालों में अधिकांश वाहन चालक व स्थानीय लोग होते हैं. चूंकि, अधिकांश ग्राहक बाहरी होते हैं, ताे संचालक द्वारा इनसे शराब पिलाने के एवज में मोटी रकम ली जाती है. मय के शौकीनों को इन जगहों पर बाजार दर से 20 से 25 प्रतिशत अधिक कीमत चुकानी पड़ती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि लाइन होटलों में 180 एमएल की शराब की बोतल, जो कि शराब दुकान के काउंटर पर 170 रुपये में मिलती है, उसी की कीमत इन लाइन होटलों में 220 से 250 रुपये तक ली जाता है. उसी तरह 750 एमएल की बोतल में 200 से 400 रुपये तक अधिक लिया जाता है. वहीं, किसी ग्राहक द्वारा विरोध करने पर होटल संचलक द्वारा कहा जाता है कि हमें ऊपर तक पैसा देना होता है.
गिरिडीह जिले की सीमाओं से सटे होने के कारण हुए बरकट्ठा क्षेत्र में चल रहे अवैध शराब कारोबार में माफियाओं को भी अपना व्यवसाय जीटी रोड के रास्ते करने में सहुलियत होती है. हालांकि, गोरहर व बरकट्ठा पुलिस द्वारा छिटपुट छापेमारी की जाती है. आबकारी विभाग द्वारा पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों अवैध शराब एवं शराब लदे वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई भी की गई है. लेकिन यह सारा खेल कुछ इतने सुनियोजित तरीके से चलता है कि दबिश के कुछ दिन बाद ही पुन: इन ढाबों व होटलों में मयखाना गुलजार हो जाता है.
चलकुशा से भेजी जाती है नकली शराब की खेप
आबकारी नियम के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब दुकान नहीं हो खुल सकती हैं. इस नियम के कारण राजमार्गों पर शराब बेचना अपराध की श्रेणी में आता है और इस कारण सरकारी ठेके भी राजमार्गों पर नहीं होते है. इसी नियम का फायदा होटल और ढाबे वाले उठाते हैं. चलकुशा का इलाका, जिससे तीन जिले हजारीबाग, गिरिडीह और कोडरमा की सीमाएं लगती है, वहां से नकली विदेशी शराब की खेप इन इलाकों में भेजी जाती है. इसकी खपत राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने इन होटलों व ढाबों में अवैध रूप से की जाती है.
बगोदर से चौपारण तक सड़क हादसों में वृद्धि
राजमार्गों पर अवैध शराब की बिक्री का सबसे बड़ा खामियाजा सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं से लगाया जा सकता है. हाल के दिनों में बगोदर से चौपारण तक सड़क हादसे दोगुने हो गए हैं. हालांकि, इसे अक्सर यह बात कर छिपाने की कोशिश की जाती है कि चूंकि सिक्स लेन का काम चल रहा है, इसलिए सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. जबकि, हकीकत में इन होटलों व ढाबों से शराब पीकर निकलने वाले वाहन सवार दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं. वहीं, मय की चाहत रखने वालों की गाड़ियों की लंबी कतार भी सड़क किनारे लगी रहती है.
अपराधियों का अड्डा और राजस्व का नुकसान
राजमार्गों के ढाबों और होटलों में बिक रहे और परोसे जा रहे शराब के कारण इन इलाकों में अपराधियों के बैठकी भी बढ़ गई है. खास कर पड़ोसी राज्य बिहार से आवाजाही बढ़ी है. दूसरी तरफ इस इलाके में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 लाख की शराब गटक ली जाती है. इलाके में बिकने वाली शराब अधिकतर नकली ही होती है और इनकी बिक्री से झारखंड सरकार को कोई राजस्व लाभ नहीं होता है. वहीं, राजमार्ग होने के कारण हरियाणा, पंजाब से कम कीमत पर शराब खरीद कर यहां ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है. केवल बरही से बगोदर इलाके तक एक महीने में डेढ़ करोड़ से अधिक की ऐसी शराब खपा दी जाती है. इस लिहाज से हर माह एक करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान होता है.
रामपुर मुखिया ने की गर्भवती महिला की गोदभराई
चौपारण : गोदभराई योजना के तहत प्रखंड के रामपुर आंगनबाड़ी केंद्र सहित 26 पंचायतों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस क्रम में रामपुर मुखिया सुनीता देवी ने अनुज कुमार दास की पत्नी ज्योति कुमारी का सोलह श्रृंगार कर गोदभराई की. सामन्यतः, गोदभराई की रस्म विवाहिता के मायके वालों की तरफ से की जाती है. वहीं, सरकार की योजना के तहत जो नवविवाहिता गर्भवती होती हैं और आंगनबाड़ी केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन करवाती हैं, उनके गर्भ के छह माह पूरा होने पर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका द्वारा स्टॉल लगा कर उनकी गोदभराई की रस्म की जाती है. मौके पर मुखिया के अलावा सेविका मंजू देवी, सहायिका चमेली देवी, सरोज देवी, पार्वती देवी, गुड़िया देवी, मोनी देवी सहित कई लोग उपस्थित थे.
डोभा में डूबने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत
चौपारण : प्रखंड के सेलहारा पंचायत के ग्राम सिरमा निवासी दीपक सिंह के 12 वर्षीय पुत्र आदर्श सिंह की मौत गुरुवार को डोभा में डूबने से हो गयी. मृतक का शव गांव के बाहर बने डोभा से मिला है. घटना के विषय में बताया जा रहा है दीपक सिंह के पुत्र और पुत्री दोनों लगातार हो रही बारिश से भर चुके डोभा को देखने गए थे. इस बीच आदर्श का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया. बहन द्वारा शोर मचाए जाने पर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बच्चे को डोभा से बाहर निकाला. हालांकि, जब तक उसे पानी से बाहर निकाला गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
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