Sanjeet Yadav
Palamu : पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के दुलसुलमा गांव में धर्म परिवर्तन कर चुके कई लोग 3 साल बाद घर वापसी की तैयारी में हैं. जानकारी के अनुसार 3 साल पहले गांव के कुछ लोग दूसरे धर्म को अपना लिए थे. जिसके बाद उनलोगों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया था. धर्म परिवर्तन करने वाले में से एक सदस्य की मौत हो गई. उसके निधन पर दाह:संस्कार कार्यक्रम में उसके गोतिया और गांव का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ. अपने गोतिया और गांव के लोगों को दाह-संस्कार में शामिल नहीं होते देख उनलोगों को अपनी करनी पर पछतावा हुआ. रविवार को बैठक कर धर्म परिवर्तन कर चुके दर्जनभर लोगों ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए घर वापसी के लिए दुलसुलमा के मुखिया ब्रह्मदेव सिंह, बजरंग दल संयोजक गुड्डू सिंह और गांव के लोगों के पास एक आवेदन दिया है. आवेदन में अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि कुछ साल पहले बहकावे में तथा प्रलोभन में आकर अपना धर्म छोड़ दिए थे. अब हमें माफ कर दीजिए. रविवार को गांव के देवी मंदिर परिसर के समीप चबूतरा पर एक बैठक हुई. जिसमें निकटवर्ती संबंधी चंद्रदेव राम ने बताया कि स्वर्गीय तपसी राम की मौत के बाद दाह: संस्कार में ग्रामीण और परिवार के लोग शामिल नहीं हुए थे. पंचायत के मुखिया के निर्णय के बाद दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होकर अलग से मुंडन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बताया कि तीन साल पहले दर्जनभर लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं. धार्मिक रीति रिवाज से घर वापसी होने पर इनलोगों का स्वागत करेंगे. बैठक में डॉ. रविंद्र सिंह, अरविंद कुमार, वकील सिंह, निकट संबंधी बिगन राम, भोलाराम, धनेश्वर राम, इंद्रदेव राम, जवाहर राम, गुड्डू राम समेत कई लोग मौजूद रहे.
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धर्म परिवर्तन पर क्या कहते हैं अधिवक्ता
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अधिवक्ता रुचिर कुमार तिवारी ने कहा कि भारत के संविधान में धर्म परिवर्तन के मामले में साफ रूप से यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी अपनी इच्छा अनुसार धर्म परिवर्तित कर सकता है. इसमें किसी प्रकार की बाधा नहीं है, अगर कोई व्यक्ति किसी को जोर जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी. मगर कोई भी अपनी इच्छा से अपने धर्म में वापसी कर सकता है.
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