Patna : बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक नकली चीफ जस्टिस को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अभिषेक भूपालका के रूप में हुई है. वह शराबबंदी संबंधित मामले में आरोपी रहे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार का दोस्त है. उसने आदित्य के खिलाफ दर्ज शराबबंदी का मुकदमा खत्म करने के लिए एक फर्जी पते पर खरीदे गए सिमकार्ड से डीजीपी को फोन किया था. उसकी बातचीत के बाद आईपीएस आदित्य के खिलाफ मुकदमा तो खत्म हो गया, लेकिन अब एक खुफिया इनपुट से मामले का खुलासा हो गया है. गया जिले में एसएसपी रहते मद्य निषेध से संबंधित एक मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में आईपीएस आदित्य कुमार को नामजद किया गया था. इसी मामले में उन्हें पद से हटा भी दिया गया था.
फरार है आईपीएस आदित्य कुमार
इस खुलासे के बाद आरोपी अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने अभिषेक की निशानदेही और पहचान के आधार पर मामले में अन्य आरोपी गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया है. इनके ठिकाने से वह मोबाइल फोन और सिमकार्ड भी बरामद कर लिया है, जिससे डीजीपी को फोन किया गया था. फिलहाल मुख्य आरोपी और बिहार कैडर के आईपीएस आदित्य कुमार फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी कराने की तैयारी में है. यह मामला 13 अक्टूबर को ही आर्थिक अपराध शाखा में भेजा गया था.
आरोपी आईपीएस ने ही बनायी थी योजना
आईपीएस आदित्य ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को खत्म कराने के लिए फूल प्रूफ योजना तैयार की थी. उसने सितंबर महीने में अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल को प्लान समझाया और उसे चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन करने के लिए कहा. पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि आदित्य ने डीजीपी को फोन करने के लिए पटना सिटी में मोबाइल सिम बेचने वाले गौरव राज के स्टाफ राहुल कुमार के नाम से सिम कार्ड लिया था. यह सिमकार्ड उसके पास बोरिंग रोड में मिस्टर गैजेट नाम की दुकान के मालिक राहुल रंजन जायसवाल के जरिए पहुंचाया गया. राहुल रंजन और अभिषेक दोनों कथित तौर पर दोस्त बताए जा रहे हैं. सिम मिलने के बाद इन्होंने एक नया मोबाइल फोन खरीदा और फिर डीजीपी को फोन किया.
40 बार डीजीपी से हुई बातचीत
आरोपी अभिषेक ने डीजीपी को कम से कम 50 बार फोन किया. वह खुद को चीफ जस्टिस बताते हुए डीजीपी से बात करता था. हर बार वह आईपीएस आदित्य के मामले में अपडेट पूछता और मामले का निस्तारण जल्द से जल्द कराने के लिए दबाव बनाता था. इस नंबर पर फोन दोनों ओर से किए जाने की पुष्टि हुई है. अब मामले का खुलासा होने के बाद आईपीएस आदित्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
डीजीपी से बातचीत को लेकर उठे सवाल
इस घटनाक्रम के बाद डीजीपी पर भी सवाल उठने लगे हैं. खुद प्रशासनिक हलके में ही चर्चा है कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति फर्जी नाम- पता बता कर डीजीपी को फोन करता रहा और डीजीपी भी उसकी बात मान ली.
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