Ranchi : आदिवासियों के हक के लिए लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी की कस्टडी में हुई मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए देश के तमाम विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है. पत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, एमके स्टलिन, एचडी देवगोड़ा, फारुक अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव, डी राजा, सीताराम येचुरी शामिल हैं. पत्र में इन नेताओं ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी कई तरह की बीमारियों से ग्रसित थे, लेकिन फिर भी उन्हें किस तरह जेल में कई तरह की यातनाएं दी गईं. जब स्टेन स्वामी ने पानी या चाय पीने के लिए एनआईए और जेल प्रशासन से स्ट्रॉ या सिपर मांगा तो वो भी उन्हें मुहैया नहीं कराया गया. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
इसे भी पढ़ें- JEE मेंस के तीसरे चरण की परीक्षा 20 से 25 जुलाई और चौथे चरण का एग्जाम 27 जुलाई से 2 अगस्त तक
स्टेन के निधन के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार
इस चिट्ठी में लिखा गया है, सभी विपक्षी दलों के नेता फादर स्टेन स्वामी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत को लेकर गहरा शोक और विरोध व्यक्त करते हैं. हमारी आपसे अपील है कि केंद्र सरकार को निर्देश देकर कहा जाए कि फादर स्टेन स्वामी के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने को लेकर जो भी जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही भीमा कोरेगांव और ऐसे ही राजनीति से प्रेरित मामलों में यूएपीए और राजद्रोह जैसे कानूनों के तहत जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन्हें तुरंत रिहा किया जाए.
इस चिट्ठी में आगे कहा गया है कि स्टेन स्वामी ने कई बार अपील करते हुए बताया कि उन्हें भीड़भाड़ वाली तालोजा जेल से शिफ्ट किया जाए, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान भी ऐसा नहीं किया गया. इसके अलावा जितनी बार भी स्टेन स्वामी ने अपने घर जाने के लिए जमानत की याचिका दी, उसे हर बार खारिज कर दिया गया. उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अस्पताल में भर्ती करने के निर्देश दिए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. फादर का निधन जेल में हो गया.