Ranchi : प्रहार-3 ऑपरेशन का माओवादियों ने विरोध किया है. और कहा कि इन षड्यंत्रों से गोरिल्ला साथी को जागरूक रहने की जरूरत है. भाकपा माओवादी के मध्य रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता प्रताप ने एक पत्र जारी किया है. जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार के मार्गदर्शन में नवंबर 2020 से जून 2021 तक प्रहार-1 और 2 के नाम से सैनिक अभियान चलाया गया. 8 महीने तक सैनिक अभियान पूरे मध्य रीजन में चलाया गया. जिसमें भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी) के नेतृत्व में पिछले चार दशकों से चल रही क्रांतिकारी आंदोलनों को जड़ से मिटाने के लिए अभियान की तैयारियां की गई थी.
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भारत के मध्य प्रांत में बसे आदिवासियों पर जंग छेड़ दिया गया था
माओवादियों के द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि दुश्मन देश पर चलाए जाने वाले युद्ध की तर्ज पर भारत के मध्य प्रांत में बसे आदिवासियों पर जंग छेड़ दिया गया था. लेकिन मध्य रीजन के तमाम क्रांतिकारी जनता समर्पित भावना और बहादुरी के साथ पार्टी को बचाया है. प्रतिरोध करते हुए लुटेरे का ऑपरेशन प्रहार का विरोध किया है.
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एक नई बड़ी योजना प्रहार-3 के नाम से तैयार हो रहा है
माओवादियों के द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय और राज्य शासकों द्वारा एक नई बड़ी योजना को प्रहार-3 के नाम से तैयार हो रहा है. जीरागुडा हमले के बाद से यह तैयारियां चल रही है. इस हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने बदला लेने की बात कहते हुए प्रहार 3 का उल्लेख किया था. पुलिस प्रवक्ता सुंदर राज पी इस हमले का रूपरेखा बताए थे. इस ऑपरेशन में ड्रोन और हेलीकॉप्टर का भरपूर इस्तेमाल करने का भी प्लान किया जा रहा है.
19 अप्रैल को दक्षिण बस्तर के जंगलों में गोरिल्ला के ऊपर ड्रोन से बम गिराने का एक विफल प्रयोग किया गया था. नए सिरे से चलाए जाने वाले ऑपरेशन में सर्विलेंस का काफी इस्तेमाल करने की बात बताया गया था. इसी के चलते इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में जीपीएस ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा रहा है. आने वाले दिनों में अभियान के लिए डीआरडीओ से कम वजन वाले 9 किलो का बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहुंचाया जा रहा है. गोरिल्ला को पहुंचाएं जाने वाला आपूर्ति चैनलों में घुसपैठ कर जहरीला पदार्थों का मिलावट किया जा रहा है. इन तमाम षड्यंत्र के प्रति गुरिल्ला साथी को जागरूक रहने की जरूरत है.
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छह जगहों पर नया कैंप बनाया गया है
माओवादियों के द्वारा कहा गया है कि इस ऑपरेशन प्रहार-3 के नाम से चलाई जाने वाली हमले से पहले बीजापुर जिले के सिलेंगर में एक नया कैंप बिठाया गया है. इस कैंप को लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है. इसके अलावा बस्तर में और 6 जगहों पर पुलिस का नया कैंप बनाया गया है. इन कैंपों को लेकर हजारों जनता विरोध कर रही है. जनता पर पुलिस गोलियां बरसाते हुए दहशत फैला रही है. माओवादी पुलिस के इस जनविरोधी कार्रवाई की निंदा करती है. हमारी पार्टी देश के तमाम मजदूर किसान और छात्र समेत अन्य लोगों से अपील करती है कि इस ऑपरेशन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें.
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