Ranchi: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आईपीएच सभागार में परिवार नियोजन के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने की अध्यक्षता में दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ अनिल ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोका जा सकता है, यदि 2 बच्चों के जन्म में 3 से 5 वर्ष का अंतर रखा जाए. उन्होंने कहा कि गर्भपात के कारण भी मातृ एवं शिशु मृत्यु दर बढ़ती है. ऐसे में अनचाहे गर्भधारण एवं गर्भपात की समस्या से निजात पाने के लिए परिवार नियोजन की विधि पीपीआईयूसीडी का उपयोग करें. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
परिवार नियोजन के दो नई विधि की दी गई जानकारी
डॉ अनिल कुमार ने प्रखण्ड प्रशिक्षक दल (बीटीटी), परिवार नियोजन के कार्यदायित्व एवं इसके निरन्तर सेवाओं के संबंध में जानकारी दी. परिवार नियोजन के दो नई गर्भ निरोधक विधि अन्तरा इंजेक्शन एवं छाया टैबलेट के बारे में आम लोगों को बताया और इसे अपनाने के बारे में जानकारी दी.
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उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी लोग अपने कार्यदायित्व को ससमय करते हुए लक्ष्य के अनुरुप कार्य करें. परिवार नियोजन से संबंधित रिकॉर्ड कीपिंग एवं विभिन्न प्रकार के पंजी एवं फॉलो-अप कार्ड के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी. परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न अस्थाई विधियों की आपूर्ति ससमय स्वास्थ्य उपकेन्द्र एवं सहिया तक पहुंच को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने परिवार नियोजन लॉजेस्टिक प्रबंधन सूचना पद्धति के माध्यम से ऑनलाइन इण्डेन्ट एवं प्रत्येक माह अद्यतन शत प्रतिशत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर गुंजन खलखो, राज्य समन्वयक परिवार नियोजन, सुदीप सान्याल और नवल किशोर आदि उपस्थित थे.