- लातेहार ने हासिल किया झारखंड में चौथा स्थान
- 93.23 प्रतिशत परीक्षार्थी हुए सफल, पिछले साल 91.858 प्रतिशत था रिजल्ट
- लातेहार के 10592 परीक्षार्थियों ने दी थी परीक्षा
Ashish Tagore
Latehar : शुक्रवार को झारखंड अधिविध परिषद ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है. सफल छात्रों की संख्या में लातेहार जिला स्टेट में चौथा नंबर हासिल किया है. इतना ही नहीं लातेहार की तीन छात्राएं व एक छात्र स्टेट के टॉप-10 में शामिल हैं. सभी छात्र शहर के सरस्वती विद्या मंदिर के हैं. स्टेट में टॉप-10 के पांचवें स्थान में शांभवी सुहाना रही है. शांभवी ने 98 प्रतिशत अंक हासिल किया है. जबकि टॉप-10 के सातवें नंबर जयदीप कुमार व नम्रता सेन गुप्ता शामिल है. दोनों ने 97.60 प्रतिशत अंक हासिल किया है. टॉप-10 के नौंवें स्थान पर अनन्या कुमारी रही है. अनन्या से 97.20 प्रतिशत अंक हासिल किया है. चारों ने जिले में क्रमश: पहला से तीसरा स्थान प्राप्त किया है. जबकि जिले में चौथे स्थान पर प्रोजेक्ट बालिका हाई स्कूल की पूनम कुमारी और पांचवें स्थान पर ख्रिस्त राजा उच्च विद्यालय चंदवा के आदित्य कुमार हैं.
जिले का रिजल्ट 93.23 प्रतिशत रहा
इस वर्ष लातेहार जिला का रिजल्ट 93.23 प्रतिशत रहा है. जबकि पिछले वर्ष का रिजल्ट 91.753 प्रतिशत रहा था. इस वर्ष भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है. परीक्षा के लिए कुल 10652 छात्रों ने अपना निबंधन कराया था. जिसमें 10592 छात्रों ने परीक्षा दी थी. इनमें से 9875 विद्यार्थियों ने सफलता पायी है. इसमें लड़कों की संख्या 4450 और लड़कियों की संख्या 5425 है. जिले में 4986 परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से पास हुए. इसमें लड़कों की संख्या 2204 और लड़कियों की संख्या 2782 है. सेकेंड डिवीजन से पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4379 है. इसमें लड़कों की संख्या 2005 और लड़कियों की संख्या 2374 है. जबकि थर्ड डिवीजन से 510 विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है.
साइकोलॉजिस्ट बनना चाहती है जिला टॉपर शांभवी सुहाना
राज्य में पांचवां और जिला में पहला स्थान प्राप्त करने वाली शांभवी सुहाना व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखती है. सुहाना के पिता शिव प्रसाद एक व्यवसायी और माता नेहा देवी एक गृहणी है. सुहाना ने बताया कि उसने कभी पढ़ाई से जी नहीं चुराया. उसने सेल्फ स्टडी और यूट्यूब का सहारा लेकर अपने डाउटस को दूर किया. कहा कि सोशल मीडिया में भी पढ़ाई से संबंधित बहुत बातें रहती है. शांभवी ने कहा कि वह एक साइकोलॉजिस्ट बनना चाहती है. दिमागी रूप से पीड़ित या रिसर्च सेंटर में लोकहित का कार्य करना चाहती है. उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और स्कूल के आचार्यों को दिया.
राज्य में सातवें स्थान पर रहे जयदीप बनना चाहता है इंजीनियर
जयदीप कुमार के पिता देवेंद्र कुमार साह रिटायर शिक्षक हैं. वही मां राजरूप कुमारी गृहणी है. जयदीप ने कहा कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है और पढ़ाई पूरा करने के बाद वह सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी देना चाहता है. जयदीप ने कहा कि परीक्षा से पूर्व निरंतर तैयारी व स्व अध्ययन से उसने अपने रिजल्ट को बेहतर बनाया. स्टेट में सातवें स्थान पर रही नम्रता सेनगुप्ता ने कहा कि वह नीट की तैयारी कर डॉक्टर बनना चाहती है. अनन्या ने भी सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने की इच्छा जाहिर की है.
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