Ranchi: लगातार न्यूज ने 24 मई को “मेयर आशा लकड़ा का हमेशा रहता है नगर आयुक्तों के साथ विवाद, हर टर्म में दिखा है अनबन” शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था. मेयर आशा लकड़ा ने खबर पर अपना पक्ष रखा है. मेयर ने खबर की चार बिंदूओ पर अपनी बात रखी है. हम उनका पक्ष हू-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं.
खबर का अंशः “अप्रैल 2017 में स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस कार्य करने वाली कंपनी ब्राइट नीयॉन एंड साइन प्राइवेट लिमिटेड को लेकर मेयर कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुई थी.”
मेयर का पक्षः 18 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट में टेंडर प्रक्रिया के 7 स्टेप के तहत टेंडर कमिटी की अध्यक्ष (मेयर) के समक्ष प्रक्रिया पूरा नहीं करने से संबंधित मामले की सुनवाई हुई थी. इसी मामले में वह हाईकोर्ट में सशरीर उपस्थित हुई थी. हाईकोर्ट ने तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को फटकार लगाते हुए कहा था कि टेंडर कमिटी की अध्यक्ष मेयर सर्वोपरी हैं. टेंडर से संबंधित सभी प्रक्रिया टेंडर कमिटी की अध्यक्ष (मेयर) के समक्ष पूरी की जाए. उसके बाद टेंडर से संबंधित सभी फाइलें टेंडर कमिटी की अध्यक्ष (मेयर) के समक्ष उपस्थापित की गयी.
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खबर का अंशः “ब्राइट नीयॉन एंड साइन प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर के माध्यम से कार्य मिलना था. जांच कमेटी में ब्राइट नीयॉन एंड साइन प्राइवेट लिमिटेड को क्लीन चीट दी थी.”
मेयर का पक्षः यह मामला मेन रोड (एमजी मार्ग) में लगाए गए एलईडी लाइट व मेंटेंनेस कार्य से संबंधित था. मेन रोड स्थित सभी बिजली पोल पर एलईडी लाइट लगाने का काम टेंडर के तहत सूर्या कंपनी को दिया गया था. एकरारनामा की शर्तों के तहत एलईडी लाइट लगाने के बाद पांच वर्षों तक लाइट का मेंटेंनेस का काम भी सूर्या कंपनी को ही करना था. परंतु मेंटेंनेंस के नाम पर ब्राइट नीयॉन एंड साइन प्राइवेट लिमिटेड-एलईडी लाइट के पोल पर होर्डिंग (kisko) लगाकर निगम के राजस्व को क्षति पहुंचा रहा था. उनके विरोध के बाद ब्राइट नीयॉन एंड साइन प्राइवेट लिमिटेड को मेंटेंनेंस कार्य से हटाया गया था.
खबर का अंशः “मेयर ने कहा– सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम निगम के अधीन नहीं आता है. तत्कालीन नगर आयुक्त का तर्क था कि हर दिन चेन स्नैटिंग, ट्रैपिक मिस मैनेजमेंट से लोगों को रू-ब-रू होना पड़ता है.”
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मेयर का पक्षः मेयर के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन लगर आयुक्त प्रशांत कुमार को CCTV से संचालित टेंडर को रद्द करना पड़ा. क्योंकि सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम रांची नगर निगम के अधीन नहीं है. आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम जिला प्रशासन का है.
खबर का अंशः “टैक्स कलेक्शन कंपनी स्पैरो सोफ्टेक को हटाने व नई कंपनी श्री पब्लिकेशन को राजस्व वसूली का काम मिलने पर मेयर व नगर आयुक्त के बीच विवाद काफी गरमाया. हालांकि बाद में राजस्व वसूली का काम श्री पब्लिकेशन को ही मिला.”
मेयर का पक्षः मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड लगभग 7 वर्षों से रांची नगर निगम में राजस्व संग्रह का कार्य कर रहा है. 9 जून 2029 को निगम परिषद की बैठक में मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को आगामी तीन वर्षों के लिए कार्य विस्तार देने का निर्णय लिया गया था. परंतु नगर विकास विभाग (SUDA) के माध्यम से किए गए निविदा को आधार मानते हुए नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने निगम परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय को दरकिनार कर SUDA द्वारा चयनित कंपनी श्री पब्लिकेशन के साथ एकरारनामा कर लिया. इस मामले को लेकर मेयर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जो विचाराधीन है.