Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वैक्सीन खत्म होने वाली है.आज वैक्सीन खत्म हो जायेगी, तो कल क्या करेंगे. इस पर हेमंत सोरेन ने कहाः थोड़ी-बहुत गालियां सुनेंगे. और क्या ? हम तो वैक्सीन बना नहीं सकते. ना खरीद सकते हैं. केंद्र सरकार से मांग की है. लेकिन अभी तक कोई कंफरमेशन नहीं आया है. हेमंत एनडीटीवी से बात कर रहे थे.
क्या केंद्र सरकार आपकी बात नहीं सुन रही है. इस सवाल के जवाब में हेमंत ने कहा कि अगर हमारी सुनी जाती तो हालात इतने खराब नहीं होते. केंद्र ने सबकुछ अपने जिम्मे ले लिया है. जीएसटी का पैसा भी केंद्र ही देती है. ऑक्सीजन भी केंद्र ही देती है. वैक्सीन भी केंद्र ही देती है. ऐसे में हम क्या कर सकते हैं. गरीब राज्य है. बाहर से वैक्सीन खरीदने जाते हैं, तो ज्यादा कीमत पर मिलती है.
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केंद्र की सलाह नहीं मान कर कैसे लोगों की जान बचायी. हेमंत ने कहा कि देश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम ने कहा था कि लॉकडाउन के सबसे अंतिम में लगाने की बात कही थी. स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि सरकारों ने इसका प्रयोग किया नहीं. लोगों की जान गई. हमने लॉकडाउन लगाया. तब जाकर स्थिति संभली. संक्रमण पूरे विश्व के लिये है. इसका आकलन, मूल्यांकन, मूवमेंट की जानकारी, एसओपी केंद्र सरकार को ही तय करनी होती है. लेकिन यह नहीं हुआ.
वैक्सीन का वेस्टेज झारखंड में सबसे अधिक (करीब 37.3 प्रतिशत) होने के सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी मुझे भी यह पता चला है. यह गलत न्यूज चल रहा है. वैक्सीव वेस्टेज हमारे यहां सिर्फ 4.5 प्रतिशत है. हमें सिर्फ 48 लाख वैक्सीन मिले हैं. अगर इस रेसियों में देखें तो हमने 18-20 लाख वैक्सीन वेस्टेज कर दिया. क्या यह संभव है. आज हम जिसे सुरक्षा कवच समझ रहे हैं, उसे फेंकने का काम करेंगे.
क्या यह बात सही है कि लोगों को फ्री में कफन दिया जायेगा. क्या यह बात सही है. इस सवाल पर हेमंत ने कहा कि विपक्ष शब्दों का खेल, खेल रहा हैं. लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. इनकी ट्रेनिंग ही ऐसी है. मेरा उस बयान से कोई तात्पर्य नहीं है. अभी दुकानें बंद हैं. विधायकों, सांसदों व जन प्रतिनिधियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह बात सामने आयी कि कपड़े की दुकान बंद रहने से मृतकों के परिजनों को कफन खरीदने में दिक्कत होती है. इसी के मद्देनजर मैंने कहा था कि सरकार कफन खरीद कर देगी.