Kiriburu : सारंडा के सुदूरवर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए सारंडा के जम्बईबुरु गांव में चिकित्सा शिविर का आयोजन मंगलवार को किया गया. जिसमें आसपास गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपना इलाज करा निःशुल्क दवाइयां ली. यह शिविर सारंडा वन प्रमंडल के संलग्न पदाधिकारी आईएफएस प्रजेश कांत जेना, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉ संजय कुजूर के संयुक्त प्रयास से लगाया गया. इस संबंध में आईएफएस प्रजेश कांत जेना ने कहा कि हमारे फील्ड स्टाफ जब सारंडा जंगल एवं उसके बीच बसे सुदूरवर्ती गांवों का निरंतर दौरा कर रहे थे तो पाया की प्रायः गांव में दर्जनों ग्रामीण व बच्चे वायरल बुखार व अन्य बीमारी से ग्रसित हैं, जिनके इलाज की कोई सुविधा वहां नहीं है. फील्ड स्टाफ ने इसकी जानकारी हमें दी जिसके बाद हमने उपायुक्त, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर ग्रामीण मरीजों के इलाज के लिए जंगल गांवों में चिकित्सा शिविर लगाने का आग्रह किया. उसी के मद्देनजर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने बडा़जामदा सीएचसी प्रभारी डॉ एनके सुंडी के नेतृत्व में विशेष टीम जम्बईबुरु गांव भेजा.
15 दिन में एक बार शिविर लगाने का होगा प्रयास
प्रजेश जेना ने कहा कि यह एक दिन का कार्य नहीं होगा बल्कि हम उपायुक्त से बात करेंगे कि कम से कम पंद्रह दिन में एक बाद मनोहरपुर के डॉ उरांव व बड़ाजामदा के डॉ सुन्डी के नेतृत्व में अलग-अलग टीम सारंडा के कुमडीह, दीघा, थोलकोबाद आदि अन्य सुदूरवर्ती गांवों मे नियमित चिकित्सा शिविर लगाकर बीमार ग्रामीणों का इलाज सुनिश्चित करे. इस कार्य में वन विभाग पूरा सहयोग देगी. जिला प्रशासन ने भी ग्रामीणों की समस्या व सारंडा के हालात को देखते हुए ऐसे शिविरों का आयोजन नियमित अंतराल में करने का भरोसा दिया है. यह सारंडा के ग्रामीणों के लिये बेहतर प्रयास होगा. इस प्रयास के लिए हमारे फील्ड स्टाफ बधाई के पात्र हैं जिन्होंने समस्या को देख समाधान हेतु जानकारी देते हुए सहयोग मांगा.