Ranchi : गढ़वा में सिविल सर्जन, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक के साथ घटित दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना के विरोध में आईएमए एवं झासा की मांगों का झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने समर्थन किया है. चैंबर ने राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है. इस घटना के विरोध में सोमवार को आईएमए हॉल में आयोजित डॉक्टर्स की बैठक में चैंबर महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन ने शामिल होकर, चिकित्सकों की मांगों का समर्थन किया. चैंबर अध्यक्ष ने भी इस मामले में आईएमए, रांची के अध्यक्ष डॉ. शंभू प्रसाद सिंह और झारखंड स्टेट आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह से वार्ता की और उनकी मांगों का समर्थन किया.
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री और महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन ने संयुक्त रूप से कहा कि देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है. डॉक्टर्स पर घातक हमले से बचाव के लिए राज्य सरकारों द्वारा डॉक्टर्स को अतिरिक्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाती है. चिंतनीय है कि झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट अब तक लागू नहीं किया गया है, जिससे आये दिन राज्य में डॉक्टर्स पर घातक हमले हो रहे हैं, जो राज्य की चिकित्सा व्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं है. गढ़वा में चिकित्सकों पर हमले की घटना निंदनीय है. डॉक्टर्स फ्रंटलाइन वकर्स हैं. सरकार और प्रशासन को डॉक्टर्स को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की पहल करनी चाहिए और राज्य में जल्द से जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करनी चाहिए.
डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर शीघ्र संज्ञान ले सरकार
आईएमए हॉल में आयोजित बैठक में पिछले 15 दिनों से राज्य में डॉक्टर्स पर क्रमवार हो रहे हमलों की निंदा की गई. विदित हो कि पिछले दो सप्ताह में डॉक्टर्स पर हमले हो रहे हैं, जिनमें मुख्यतः रांची के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिशियन सर्जन डॉ. अंचल कुमार पर जानलेवा हमला, हजारीबाग में डॉ. के साथ बदसलूकी, जामताड़ा में सिविल सर्जन को धमकी, पेटरवार में डॉ. अजय चौधरी के साथ मारपीट, लोहरदगा में सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार को जान से मारने की धमकी और सोमवार को ही लोहरदगा के सिविल सर्जन को हाथ काटने की धमकी दी गई है. चैंबर महासचिव ने राज्य सरकार से इस मामले में शीघ्र संज्ञान लेने की अपील की.
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