NewDelhi : दिल्ली में आज मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जुटे. भारत की अगुवाई में पहली बैठक की गयी. खबर है कि बैठक में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात, क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर मंथन किया गया. सहमति बनी कि अफगानिस्तान में शांति, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता बनी रहे और कोई भी उसके आंतरिक मामलों में दख़ल ना दे. बैठक में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकी पनाहगाह के तौर पर न कर पायें. दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल ना हो. संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में शामिल किसी आतंकी को वहां पनाह न दी जाये.
NSAs/Secys discussed situation in Afghanistan & its impact on security & stability of region,reiterating strong support for peaceful,stable & secure Afghanistan..: Jt Communique of 1st India-Central Asia meeting of National Security Advisers/Secretaries of Security Councils (1/2) pic.twitter.com/26dgHxat5t
— ANI (@ANI) December 6, 2022
Countering terror financing should be priority: NSA Doval at key Central Asian security ministers’ meeting
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— ANI Digital (@ani_digital) December 6, 2022
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आतंकी रिक्रूटमेंट मध्य एशिया के लिए बड़ी समस्या
सुरक्षा सलाहकारों ने अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते मानवीय हालात को देखते हुए साथ मिलकर मदद की बात की. बैठक में इस बात पर चिंता जताई गयी कि आतंकी प्रोपेगैंडा, फंडिंग और आतंकी रिक्रूटमेंट मध्य एशिया के लिए बड़ी समस्या है और इस से साथ मिलकर निबटना होगा. कहा गया कि आतंक के लिए नयी तकनीक का इस्तेमाल, ड्रग ट्रैफ़िकिंग, साइबर स्पेस में ग़लत जानकारियां और ड्रोन का इस्तेमाल नयी चुनौतियां हैं.
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चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा की गयी
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की इस पहली बैठक में चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा की गयी. इस बात की सराहना की गयी कि कैसे अफगानिस्तान में मानवीय समस्या के वक्त इसने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कैसे इसका इस्तेमाल व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बैठक में सभी देशों से आतंक के मामले में संयुक्त राष्ट्र के नियमों का पालन करने पर जोर दिया.
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