Jamshedpur : एमजीएम अस्पताल में बीते 19 जुलाई को गुड्डी मुखी एवं उसके नवजात बच्चे की मौत का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. इस मामले में मुखी समाज के बाद अब भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने भी दोषी (परिजनों के अनुसार) चिकित्सक, नर्स एवं अन्य स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
15दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन
मोर्चा के अध्यक्ष अजीत कालिन्दी ने बताया कि अगर दोषियों पर 15 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो, संगठन पूरे शहर के मुखी समाज के साथ आंदोलन को विवश होगा. उन्होंने कहा कि प्रसव से पहले गुड्डी देवी की गर्भवती होने के बाद एमजीएम अस्पताल में ही नियमित चिकित्सीय जांच होती रही. जिस अस्पताल के चिकित्सक उसकी शुरू से जांच एवं चिकित्सा कर रहे थे. वे गुड्डी देवी को एवं उसके नवजात को नहीं बचा पाए. अगर महिला के शरीर में खून की कमी थी तो यह नियमित जांच के दौरान ही परिजनों को बताना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जिससे साफ प्रतीत होता है कि इस मामले में घोर लापरवाही बरती गई है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार दलित समाज से आता है. ऐसे में दलित उत्पीड़न के तहत उचित मुआवजा भी मिलना चाहिए. कहा कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव से इस पूरे मामले की एक टीम गठित कर जांच कराने एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है. प्रतिनिधिमंडल में रामाकांत करूआ, चंदन कुमार मुखी, ममता कुमारी मुखी, गंगा मुखी, किरण मुखी राकेश मुखी आदि शामिल थे.
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