Ranchi/New Delhi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग को की गयी शिकायत की सुनवाई मंगलवार को होगी. मुख्यमंत्री को इस मामले में आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखना है. मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली पहुंच गये हैं. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं निर्वाचन आयोग के समक्ष उपस्थित होंगे या वे अपने वकील के माध्यम से पूरे मामले पर अपना पक्ष रखेंगे.
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इससे पहले 31 मई और 14 जून को इस मामले पर सुनवाई होनी थी. लेकिन कुछ कारणों से यह सुनवाई पूरी नहीं हो पायी थी. 14 जून की सुनवाई में राज्यसभा चुनाव में व्यस्तता और अपने वकील की तबीयत खराब रहने का हवाला देकर मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग से अतिरिक्त समय की गुहार लगाई थी. जिसपर निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई 28 जून को होगी. इस तिथि को हर हाल में जवाब दाखिल करना होगा. हेमंत सोरेन को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने का यह अंतिम मौका होगा.
बता दें कि प्रदेश बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंप कर आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने सीएम के पद का दुरुपयोग किया है. पद का दुरुपयोग करते हुए सीएम ने अपने नाम पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज लिया. यह मामला लोक प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन के तहत आता है. ऐसे में जरूरी है कि हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाये. बीजेपी नेताओं के सौंपे ज्ञापन को आधार बनाकर राज्यपाल रमेश बैस ने निर्वाचन आयोग से राय मांगी थी. इसी राय के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस देकर उनका पक्ष पूछा है.
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बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री के अलावा उनके छोटे भाई सह दुमका विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भी अवैध तरीके से खनन कंपनी चलाने का आरोप लगाया था. आरोप की शिकायत राज्यपाल से की गयी थी. इस मामले में भी राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से सुझाव मांगा था. जिसपर बुधवार यानी 29 जून को सुनवाई होनी है.