- विपक्ष ने लगाया आरोप- हेमंत सरकार ने नहीं बनाई 1 किलोमीटर भी सड़क
- रघुवर राज में 5 साल में बनाया 24,000 किलोमीटर सड़क
- 2185 किलोमीटर सड़क, 185 पुलिया का होगा निर्माण
- बीडीओ और बिचौलिये खा जा रहे मजदूरों का पैसा- चंद्रवंशी
- सखी मंडलों की गतिविधियां क्यों कर दी गई बंद- नीलकंठ
- रोजगार देने वाली अपनी दो योजना बताए बीजेपी- प्रदीप
- आरएसएस के दबाव में बीजेपी बनाती है योजनाएं- इरफान
Ranchi: ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सभी विधायकों के क्षेत्र में 8 से 12 किलोमीटर तक की सड़क बनेगी. विधानसभा में ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने यह घोषणा की. बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और रामचंद्र चंद्रवंशी ने सदन में सवाल उठाया था कि हेमंत सरकार ने सवा साल में विधायकों को 1 किलोमीटर सड़क तक नहीं दी. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि रघुवर सरकार ने 5 साल में सभी विधानसभा क्षेत्र में 24000 किलोमीटर सड़क बनाया था, लेकिन इस सरकार ने 1 किलोमीटर सड़क नहीं बनाई. सरकार के उत्तर में आलमगीर आलम ने कहा कि विधायकों को 12 किलोमीटर तक की सड़क दी जाएगी, साथ ही घनी आबादी से मुख्य सड़कों को जोड़ने वाली जो सड़कें जर्जर हो चुकी है उसकी भी मरम्मत होगी.
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2185 किलोमीटर सड़क, 185 पुलिया का होगा निर्माण
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले साल बजट पेश होने के साथ ही कोविड आ गया था. हजारों गरीब बेरोजगार होकर वापस झारखंड आ गये थे. उस वक्त सरकार की प्राथमिकता उन्हें रोजगार और भोजन उपलब्ध कराना था. 9 महीने तक कोई काम नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने सुनियोजित तरीके से काम किया और गरीबों, मजदूरों को रोजगार दिया. मंत्री ने बताया कि राज्य में 2185 किलोमीटर सड़क और 185 पुलिया का निर्माण होना है. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र को सड़कों से जोड़ने में 225 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
बीडीओ और बिचौलिये खा जा रहे मजदूरों का पैसा- चंद्रवंशी
विधानसभा में ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण, भवन और नगर विकास विभाग के बजट पर दूसरी पाली में चर्चा हुई. ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कटौती प्रस्ताव लाया. उन्होंने कहा कि सरकार के दावे झूठे हैं. कोरोना काल में वापस लौटे हजारों लोगों को रोजगार नहीं मिला. वे फिर से पलायन कर गये. उन्होंने कहा कि मनरेगा में पर्याप्त काम नहीं मिल रहा है. जेसीबी से काम कराया जा रहा है. बीडीओ और बिचौलिये गरीबों का पैसा खा जा रहे हैं. कमेटी बनाकर जांच की जाए. चंद्रवंशी ने कहा कि पीएमएसवाई के तहत 4000 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए केंद्र ने मंजूरी दे दी, लेकिन राज्य ने अबतक डीपीआर तैयार नहीं किया है. उन्होंने विधायक फंड को 10 करोड़ करने की भी मांग की.
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डोभा बनाकर हजारों एकड़ भूमि कर दी बर्बाद- सीता सोरेन
जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने कहा कि रघुवर सरकार ने डोभा बनवाकर हजारों एकड़ भूमि को बर्बाद कर दिया. यह पूरी तरह लक्ष्यहीन योजना थी. उन्होंने जामा में आवास योजना में गड़बड़ी का भी मामला उठाया और सरकार से जांच की मांग की. कहा कि ऐसे लोगों को आवास दे दिया गया जिनके पास पहले से पक्के मकान थे. सीता सोरेन ने कहा कि हरमू नदी के सौंदर्यीकरण में अनिमयितता हुई. सीपी सिंह के नगर विकास मंत्री रहते 84 करोड़ रुपये की बंदरबांट हुई. सिवरेज-ड्रेनेज योजना में भी लूट हुआ.
सखी मंडलों की गतिविधियां क्यों कर दी गई बंद- नीलकंठ
ग्रामीण विकास के बजट पर विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि बीजेपी के समय में सड़क के मद में 1500, 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में होता था. इस सरकार ने घटाकर 400 करोड़ कर दिया. सरकार ने 5 साल में 1 किलोमीटर सड़क नहीं बनाई. उन्होंने आरोप लगाया कि जेएमएम की सरकार ने सखी मंडलों की गतिविधि यह सोचकर बंद कर रखी है कि वे बीजेपी के कैडर हैं. हेमंत सरकार के रवैये के कारण 2022 तक हर बेघर को पक्का मकान देने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर भी ग्रहण लग गया है.
रोजगार देने वाली अपनी दो योजना बताए बीजेपी- प्रदीप
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यूपीए गर्वमेंट की दूरदर्शी सोच के कारण कोराना काल में मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून गरीबों का सहारा बनी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायक अपनी सरकार की कोई ऐसी दो योजना बता दें जिससे इन्होंने रोजगार दिया. इनके पास कोई योजना है ही नहीं. हेमंत सरकार के आउटकम बजट को उन्होंने अधूरा बताया. कहा कि इसमें दूरदर्शिता नहीं झलक रही. सिर्फ योजनाओं का उद्देश्य लिखा हुआ है. थोड़ी और मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा कि मनरेगा में ग्राम सभाओं को दरकिनार किया जा रहा है. बिना केंद्र से अनुमति लिये इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता.
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आरएसएस के दबाव में बीजेपी बनाती है योजनाएं- इरफान
विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि बीजेपी ने अपनी योजनाएं आरएसएस के दबाव में बनाया था. आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को उनकी योजनाओं से कोई लाभ नहीं हुआ. डोभा सबसे खतरनाक योजना साबित हुआ, जिसमें डूबकर कई गरीब आदिवासियों के बच्चे मर गये. 18 साल सरकार में रहे लेकिन सिर्फ गड्ढ़े खोदकर चले गये.
विधायकों को फीता काटने का मौका दीजिए मुख्यमंत्री जी- राज सिन्हा
धायक राज सिन्हा ने कहा कि नगर विकास विभाग बदहाली के कगार पर पहुंच गया है. हेमंत सरकार की सवा साल की उपलब्धि निराशाजनक रही है. शहरी जलापूर्ति, 100 यूनिट बिजली माफ करने जैसी घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी 1 साल से ज्यादा हो गया है सत्ता पक्ष के विधायकों ने नारियल नहीं फोड़ी है. फीता नहीं काटे हैं इसलिए बौखला गये हैं. विधायकों को शिलान्यास-उद्घाटन का मौका दीजिए. विधायक ने कहा कि सरकार कोरोना काल का रोना रो रही है तो ऐसे समय में बीएमडब्ल्यू खरीदने की क्या जरूरत थी.