Jamtara: रेल इंजन निर्माण में टारगेट की बढ़ोत्तरी के बीच रेलवे बोर्ड ने चिरेका में 3 हज़ार कर्मियों के पोस्ट को सरेंडर कर दिया है. रेल बोर्ड के निर्देश के अनुसार चिरेका कार्मिक ने भी इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके बाद मंगलवार को इंटक के नेतृत्व में श्रमिकों ने कारखाने के अंदर विरोध प्रदर्शन किया.और इस फैसले का विरोध करने के लिए हर स्तर पर तैयार रहने की बात कही गई है. जिसका असर पश्चतिम बंगाल के चुनाव पर पड़ने की बात कही जा रही है.
इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो में 50 नंदघरों का ऑनलाइन किया उद्घाटन
इंटक नेता इन्द्रजीत सिंह ने कहा-
इस पोस्ट सरेंडर को लेकर इंटक नेता इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि, रेल के पालतू ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. ताकि हम टारगेट पूरा नहीं कर पाएं औऱ चिरेका को रुग्ण घोषित कर दिया जा सके. केंद्र सरकार एक साजिश के तहत ऐसा कर रही है. इसे अब बर्दास्त नहीं किया जायेगा. इंटक नेता ने कहा कि, इसका असर आने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव पर भी होगा. केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सभी रेल कर्मी एक जुट हो रहे हैं. लिहाजा केंद्र सरकार के लिए जो भी प्रचार करेगा हम उसका वहीं विरोध करेंगे.
इसे भी पढ़ें- कोडरमा: अनुमंडल पदाधिकारी ने बुर्जुग व मानसिक रुप से कमजोर महिलाओं की मदद की
केंद्र की नीतियों से श्रमिक नाराज
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में चार सौ विद्युत रेल इंजन के निर्माण का लक्ष्य चिरेका को दिया गया है. वर्तमान में लगभग 10 हजार 662 कर्मचारी कार्यरत हैं. तीन हज़ार पोस्ट सरेंडर होने से अब साढ़े सात हजार के लगभग कर्मी शेष रह जाएंगे. ऐसे में ठेका प्रथा के जरिये टारगेट पूरा करने की प्रक्रिया का श्रमिक् यूनियन विरोध कर रहा है. और जहाँ केंद्र का प्रचार होगा वहीं उनकी नाकामियों का प्रचार करने की लोगों ने ठान ली है.
इसे भी पढ़ें- बोकारो: मासिक क्राइम समीक्षा बैठक में एसपी ने थानाध्यक्षों को जारी किया दिशा-निर्देश