Ranchi: जेएनएनयूआरएम के तहत चल रहे मिसिंग लिंक स्कीम व अमृत योजना फेज-1 कार्य में संबंधित एजेंसियों को अबतक 110 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. इसके बावजूद राजधानी में पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई की मरम्मत कार्य (रेस्टोरेशन) नहीं हो पाया है. इसे देखते हुए मंगलवार को मेयर आशा लकड़ा ने उपरोक्त योजना की समीक्षा की. इस दौरान डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, उपनगर आयुक्त शंकर यादव, कुंवर सिंह पाहन, पेयजल व स्वच्छता और निगम जलापूर्ति शाखा के इंजीनियर, जुडको, L&T व जिंदल के अधिकारी उपस्थित थे.
मेयर ने कहा कि खुदाई की जगहों पर मरम्मत कार्य जल्द पूरा कराएं. जब तक कार्य पूरा नहीं होता, तब तक नए स्थल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेशन के कार्य मे एजेंसी अगर लापरवाही बरतेगी तो RMC के माध्यम से भुगतान की जाने वाली 20% की राशि पर रोक लगाई जाएगी. उसके बाद निगम अपने स्तर से संबंधित जगहों पर रेस्टोरेशन का कार्य पूरा कराएगा. एजेंसी को किए जाने वाले भुगतान की राशि मे कटौती कर रेस्टोरेशन कार्य पर किए गए खर्च की भरपाई करेगा.
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36 जोन में राइज़िंग व डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाना है. परंतु कार्य महज 30-35%
मेयर को जानकारी दी गई कि विभिन्न वार्डों के गली-मोहल्लों में बिछाए जा रहे डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन का काम महज 30-35 फीसद ही पूरा हुआ है. इसके अलावा अमृत योजना फेज-1 के तहत अब तक मात्र 4 जलमीनार का निर्माण कार्य पूरा किया गया है. अन्य 4 जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है. जबकि शेष 6 जलमीनार के निर्माण के लिए अब तक स्थल चिन्हित नहीं किया गया है. मेयर ने बताया कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत कुल 36 जोन में राइज़िंग व डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाना है. परंतु अबतक महज 30-35 फीसद पाइपलाइन ही बिछाए गए हैं.
हरमू क्षेत्र में वाटर कनेक्शन के लिए 13 मार्च को कैम्प लगाएं
एलएंडटी के कार्यों को संतोषजनक और जिंदल कंपनी के कार्य को शून्य बताते हुए मेयर ने कहा कि संबंधित एजेंसी की लापरवाही के कारण इस वर्ष भी गर्मी में राजधानीवासियों को पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल पाएगी. निगम जलापूर्ति शाखा के अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि हरमू क्षेत्र में नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन के लिए 13 मार्च को कैम्प लगाएं और अधिक से अधिक लोगों को नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने के लिए मोटिवेट करें.
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स्थल निरीक्षण कर डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन के आकार की होगी जांच
मेयर ने कहा, कि अमृत योजना फेज-2 के तहत जलमीनार व पाइपलाइन बिछाने का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है. वहीं वार्डों में बिछाए गए डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन डीपीआर में दिए गए साइज के अनुरूप नहीं है. इसपर एलएंडटी व जिंदल के अधिकारियों ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाने के कार्य मे डीपीआर के तकनीकी बिंदुओं का अक्षरशः अनुपालन किया गया है. मेयर ने संबंधित एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही स्थल निरीक्षण कर डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन के आकार की जांच की जाएगी.