Ranchi : झारखंड विधानसभा में गुरुवार को खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अफवाह के कारण राज्य में पेट्रोल-डीजल सब्सिडी योजना के लाभुकों की संख्या घटी है. 2021-22 में 174828 लोगों ने योजना का लाभ लिया था. लेकिन 2022-23 में जनवरी तक सिर्फ 53773 लोगों ने ही इसका लाभ लिया. इसका कारण यह है कि अफवाह फैलाई गई है कि इस योजना का लाभ लेने वालों का राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. लाभुक कम होने के पीछे दूसरी वजह यह भी है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास सेकेंड हैंड दोपहिया वाहन हैं, जबकि योजना का लाभ पाने के लिए ऑनरशिप होना जरूरी है. इसे लेकर सभी जिलों के डीटीओ को निर्देश दिया गया है कि ऑनरशिप बदलने के आवेदनों का जल्द निपटारा करें.
सभी त्रुटियों में सुधार किया जा रहा
मंत्री ने कहा कि लाभुक कम होने की एक और वजह यह भी है कि सब्सिडी लेने के किए प्रज्ञा केंद्र में आवेदन देना पड़ता था, लेकिन अब सुधार किया गया है. पेट्रोल-डीजल सब्सिडी का लाभ लेने के लिए राशन डीलर के यहां ही अब ठप्पा लगाना होगा. भाजपा विधायक राज सिन्हा ने सदन में यह मामला उठाया था, जिस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सभी त्रुटियों में सुधार किया जा रहा है. इसके बाद लाभुकों की संख्या बढ़ेगी.
रामचंद्र चंद्रवंशी का मंत्री पर निजी आरोप, चुनौती, हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर निजी आरोप लगा दिया. इससे मंत्री आक्रोशित हो गये. उन्होंने विधायक को चुनौती दी कि उन्होंने जो आरोप लगाये हैं, उसे साबित करें. अगर आरोप साबित होता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन अगर आरोप साबित नहीं कर पाए, तो विधायक को इस्तीफा देना पड़ेगा. वह थोड़ी देर के लिए वेल में धरने पर भी बैठ गये. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने भी कहा कि विधायक मंत्री की चुनौती को स्वीकार करें. वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बिना तर्क और सबूत के किसी मंत्री का नाम लेना गलत है. सीएम और विधायक सीपी सिंह ने इस मामले को सदन की कार्यवाही से स्पंज करने का आग्रह किया, जिसके बाद यह विधानसभा की कार्यवाही से हटा दी गई.
गलत तरीके से दिया 208 लाइसेंस, अबतक कार्रवाई नहीं हुई- बिनोद
माले विधायक बिनोद सिंह ने सदन में गिरिडीह जिले में पीडीएस केंद्र आवंटन और राशन कार्ड अलॉटमेंट में गड़बड़ी का मामला उठाया. कहा कि जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने 208 पीडीएस केंद्रों को गलत तरीके से स्वीकृति दी. विभाग ने जांच के बाद 208 लाइसेंस तो रद्द कर दी, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग की जांच के बावजूद कार्मिक विभाग ने अबतक दोषी पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं जिला आपूर्ति कार्यालय में फर्जी तरीके से नियुक्तियां भी हुई हैं और उनसे फर्जी काम कराये जा रहे हैं. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि 208 पीडीएस केंद्र वाले मामले की रिपोर्ट विभाग में कमेंट के लिए आया है. विभाग इस पर कठोरतम कार्रवाई के लिए कार्मिक से आग्रह करेगा, जबकि दूसरे मामले की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. कोई दोषी नहीं बख्शा जाएगा.
हुसैनाबाद सीओ पर लगे आरोप की चलते सत्र में जांच और कार्रवाई- जोबा मांझी
विधायक कमलेश सिंह ने हुसैनाबाद के सीओ एनके राम पर सदन में गंभीर आरोप लगाया. कहा कि हुसैनाबाद अंचलाधिकारी ने 1956-57 से अभी तक का रसीद एक साथ ही काट दिया है. जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे पदाधिकारी पर कठोर करवाई होनी चाहिए. यदि उनका आरोप गलत साबित हुआ तो वह सदन से इस्तीफा दे देंगे. जवाब में प्रभारी मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पूरे मामले की जांच पलामू उपायुक्त से कराकर 3 सप्ताह में रिपोर्ट देंगे. मंत्री के जवाब पर विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि 3 सप्ताह नहीं दो सप्ताह के भीतर जांच कर करवाई हो. कहा कि सदन में सवाल आने के बाद भी जब भ्रष्ट पदाधिकारी को बचाया जाएगा, तो इस सदन का क्या औचित्य रहेगा. इस पर मंत्री ने कहा कि चलते सत्र में ही जांच कर जवाब दिया जाएगा और करवाई भी होगी.
6647 पीडीएस दुकान सीएससी सेंटर में हो चुके हैं कन्वर्ट, 10000 का है लक्ष्य- रामेश्वर उरांव
मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में कहा कि सरकार जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों की आय बढ़ाना चाहती है. वे सिर्फ कमीशन पर निर्भर ना रहें. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने झारखंड के 6647 पीडीएस दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर में कन्वर्ट किया है. जबकि 10000 पीडीएस दुकानों को सीएससी में तब्दील करने की योजना है. विधायक रामदास सोरेन के उठाए सवाल पर मंत्री ने यह जवाब दिया. विधायक ने कहा कि पीडीएस दुकान के लाइसेंसधारक की 70-75 साल की उम्र में मौत होने पर उनके आश्रितों के नाम लाइसेंस का हस्तांतरण नहीं होने से उनके सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा हो रही है. इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार पीडीएस सिस्टम को अनुवांशिक करने के पक्ष में नहीं है. दूसरे राज्यों में भी पीडीएस दुकानों को पंचायतों और सेल्फ हेल्फ ग्रुप को ट्रांसफर किया जा रहा है.
मत्स्य निदेशालय में 59 पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए भेजा गया है अनुरोध : बादल
भाजपा विधायक जेपी पटेल के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री बादल प्रत्रलेख ने स्वीकार किया कि मत्स्य विभाग में पदाधिकारी और कर्मचारी की कमी है. इसी के तहत मत्स्य विभाग ने 59 मत्स्य प्रसार पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए को अनुरोध भेजा है. 19 निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति के लिए भी अनुरोध भेजा गया है. फिलहाल मत्स्य निदेशालय में 44 पदों के विरुद्ध 32 पदों पर पदाधिकारी कार्यरत हैं. वहीं अराजपत्रित कर्मियों के स्वीकृत पदों के विरुद्ध 116 कर्मी कार्यरत हैं.
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