Ranchi: विधायक सरयू राय (Saryu Roy) का एक ट्विट चर्चा में है. उन्होंने मित्र पुलिस अफसरों के हवाले से लिखा हैः आज के सत्ता परस्त अधिकारी क, ख, ग, घ के ककहरा को लतियाते रहते हैं. इस ककहारे का अर्थ समझाते हुए सरयू राय ने ब्यूरोक्रेसी पर जबरदस्त प्रहार किया है. सरयू राय ने लिखा हैः मित्र पुलिस अधिकारी ने बताया कि निगरानी विभाग में पहले भ्रष्टाचार का ककहरा मशहूर था. ककहरा था- क, ख, ग, घ, ङ क से “कमाओ” तो ख से “खा जाओ”, ग से “गहना” भले बना लो पर घ से “घर” मत बनाओ, ङ से अंगड़ाई लेकर अकड़ दिखाओगे तो पकड़े जाओगे. सरयू राय ने आगे लिखा है- “आज का सत्ता परस्त अधिकारी समूह इस “ककहरा” को लतियाते रहता है.
मित्रवत पूर्व पुलिस अधिकारी ने बताया कि निगरानी/अन्वेषण विभाग में पहले भ्रष्टाचार का ककहरा मशहूर था कि क से कैश कमाओ तो ख से खा जाओ,ग से गहना भले बना लो पर घ से घर मत बनाओ,डं॰ से अंगड़ाई लेकर अकड़ दिखाओगे तो पकड़े जाओगे.”आज का सत्ता परस्त अधिकारी समूह इस ककहरा को लतियाते रहता है.
— Saryu Roy (@roysaryu) May 25, 2022
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सरयू राय ने कई अफसरों की ओर किया है इशारा
अब आप समझ सकते हैं, सरयू राय ने किन-किन अफसरों की तरफ इशारा किया है. यहां के ब्यूरोक्रेसी में ऐसे कई अफसर हैं, जो क से कमाते हैं, ख से खाते भी खूब हैं, ग से गहना भी खूब बना लेते हैं, घ से घर ही नहीं बंग्ला भी बना लेते हैं, कुछ तो होटल तक खरीद लेते हैं. और अकड़ की तो पूछिये ही मत, ऐसी कि धरती का साक्षात भगवान वही हैं. बाकी कुछ भी नहीं. किसी की कोई औकात ही नहीं.
उल्लेखनीय है कि पूजा सिंघल के घर ईडी के छापे के बाद राज्य के कई ब्यूरोक्रेट्स का नाम चर्चा में है. ब्यूरोक्रेट्स की संपत्ति, घर, मकान, होटल, बंगला से लेकर बड़े-बड़े प्लॉट के बारे में खूब चर्चा हो रही है. ऐसे में सरयू राय का यह ट्वीट भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों के लिये एक सबक जैसा हो सकता है. अगर वो इस पर अमल करने लगे, तब.
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सरयू भ्रष्टाचार के खिलाफ अक्सर बोलते हैं
सरयू राय उन गिने-चुने राजनेताओं में हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार बोलते हैं. कागजात जुटाते हैं और भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं. उनके इसी काम की वजह से रघुवर सरकार में उन्हें लगातार परेशान किया गया. हाशिये पर रखा गया. हालांकि परिणाम उनके पक्ष में आया. उन्होंने रघुवर दास के भ्रष्टाचार को उजागर किया था, भाजपा ने ध्यान नहीं दिया. नतीजा भाजपा सत्ता से बाहर हो गई. रघुवर दास व अन्य शीर्ष नेताओं ने उनकी टिकट काट दी, तब उन्होंने रघुवर दास के खिलाफ लड़ने का ऐलान किया और जीते भी.
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