Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्य, अधीक्षक और सीनियर रेजीडेंट-ट्यूटर की नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अनियमित नियुक्तियों को रद्द कर दोषियों पर कार्रवाई करें. जमशेदपुर के एमजीएम काॅलेज एवं अस्पताल में अधीक्षक एवं प्राचार्य की नियुक्ति में इस प्रावधान का उल्लंघन किया गया है. इन दोनों पदों पर नियुक्त चिकित्सक प्राध्यापक नहीं बल्कि सहायक प्राध्यापक हैं. अधीक्षक और प्राचार्य के पदों पर नियुक्त होने की अहर्ता रखने वाले कई चिकित्सक राज्य में उपलब्ध हैं. इनमें से एक को पलामू मेडिकल काॅलेज अस्पताल से स्थानांतरित कर जमशेदपुर एमजीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य के रूप में पदस्थापित किया गया है. झारखंड राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन झारखंड राज्य के चिकित्सा शिक्षा सेवा नियुक्ति, प्रोन्नति और अन्य सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए राज्यपाल ने 21 नवंबर 2018 को अधिसूचना जारी की थी.
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अधिसूचना में चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के अधीक्षक, चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य और सीनियर रेजीडेंट-ट्यूटर की नियुक्ति की शर्तों का उल्लेख है. अधीक्षक के पद पर नियुक्ति प्राध्यापकों के बीच से वरीयता, योग्यता और कार्यक्षमता के आधार पर की जाएगी. राज्य सरकार को यह विकल्प होगा कि वे संवर्ग के बाहर के व्यक्ति को भी नियुक्त कर सकेगी. यह नियुक्ति कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित प्रोन्नति समिति द्वारा की जाएगी. इनकी नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की जाएगी. जिसे परफॉर्मेंस के आधार पर अगले तीन वर्षों के लिए विभाग द्वारा विस्तार किया जा सकेगा. प्राचार्य के पद पर नियुक्ति चिकित्सा महाविद्यालय के विभिन्न विभागों में कार्यरत प्राध्यापकों के बीच से वरीयता, योग्यता एवं कार्यक्षमता के आधार पर की जाएगी. लेकिन कुछ दिनों पूर्व झारखंड सरकार ने ये नियुक्तियां अधिसूचना में लिखे गए प्रावधानों के विपरीत की हैं.