Patna : बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए हो रहे चुनाव में कुल सात उम्मीदवार मैदान में हैं. नामाकंन की आखिरी तारीख में भाजपा और जदयू की ओर से दो-दो उम्मीदवारों ने नामाकंन पत्र दाखिल किया है. राजद की ओर से तीन उम्मीदवार पहले ही परचा दाखिल कर चुके हैं. कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारने से इनकार कर दिया है. अब इनके नामांकन पत्रों की जांच होगी. ऐसे में इन प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है.
राजद के तीन प्रत्याशी पहले ही नामांकन कर चुके हैं
गुरुवार को बिहार विधान परिषद चुनाव में एनडीए के प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान सत्ताधारी पार्टी जेडीयू और बीजेपी ने एकजुटता दिखाई. बीजेपी और जेडीयू के उम्मीदवार एक साथ नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद समेत अन्य कई नेता मौजूद रहे. राष्ट्रीय जनता दल के तीन प्रत्याशी पहले नामांकन कर चुके हैं. गुरुवार को बीजेपी और जेडीयू के दो-दो प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. बीजेपी ने हरि सहनी और अनिल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं जेडीयू ने आफाक अहमद खान और रविंद्र सिंह ने नामांकन दाखिल किया.
प्रत्याशी नहीं उतारने का कांग्रेस का फैसला
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई. इसमें विधान परिषद चुनाव पर चर्चा की गई. बैठक के बाद अजित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस एमएलसी चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है. पार्टी के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं होने की वजह से यह फैसला लिया गया.
नामांकन करने देर से पहुंचे भाजपा उम्मीदवार
विधानसभा पहुंचने के लिए दिन के 11:30 बजे का समय उम्मीदवारों के लिए तय किया गया था, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार को विधानसभा पहुंचने में देर हो गई. तय समय से जब वक्त ज्यादा निकलने लगा, तो डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से लेकर बीजेपी नेता राजेंद्र गुप्ता तक सदन पोर्टिको में आ खड़े हुए. राजेंद्र गुप्ता बार-बार उम्मीदवार को फोन मिलाते रहे. भागते हुए पहुंचे हरि साहनी किसी तरह आनन-फानन में अंदर गये और नामांकन पत्र दाखिल किया.
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