Ranchi : झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के सदस्य नियमितीकरण और वेतनमान को लेकर राजभवन गेट के सामने एक दिवसीय धरने पर बैठे हैं. रांची के 18 ब्लॉक के हजारों मनरेगा कर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मौके पर रांची जिला अध्यक्ष संजय प्रमाणिक ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन राज्य में मनरेगा योजना को लागू किया गया था. संजय प्रमाणिक ने कहा कि एक ओर सरकार मनरेगा दिवस मना रही है, दूसरी तरफ हजारों मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने पर विवश हैं. आरोप लगाया कि मनरेगा में काम करते हुए 15 साल हो गये हैं. लेकिन अभी तक नियमितीकरण और वेतनमान निर्धारित नहीं किया गया है. सरकार मनरेगा कर्मियों का शोषण कर रही है . हमारी विवशता का फायदा उठाने का काम कर रही है. (पढ़ें, 4 फरवरी को अमित शाह का देवघर दौरा, कार्यकर्ताओं में भरेंगे जोश, संथाल में जीत के लिए दिलायेंगे संकल्प)
मनरेगा कर्मियों को न जॉब सिक्योरिटी और न ही सम्मानजनक वेतन मिल रहा
कोषाध्यक्ष मृत्युजंय महतो ने कहा कि सरकार न तो जॉब सिक्योरिटी दे रही और न ही सम्मानजनक वेतन दे रही है. छोटी गलती करने पर मनरेगा कर्मियों को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाता है. लेकिन मनरेगा कर्मियों के नियमितीकरण और वेतनमान को लेकर सरकार ने अभी तक कुछ नहीं किया. सरकार मनरेगा कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है, जिसपर जल्द रोक लगायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 2007 में बनायी गयी सेवा शर्त और कर्तव्य नियमावली मनरेगा कर्मियों के हित में नहीं है. सरकार नयी सेवा शर्त नियमावली बनाये. मौके पर रातू प्रखंड अध्यक्ष नरेंद्र कुमार, प्रदेश अध्यक्ष जोन पीटर बागे, नगड़ी प्रखंड अध्यक्ष मोहम्मद मुरताज, राजेश पांडेय, सुनिता खलखो, राजेन्द्र महतो, रीता तिर्की, सरिता खलखो सहित अन्य उपस्थित थे.
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मनरेगा कर्मियों की पांच सूत्री मांगें
- सेवा शर्त नियमावली में संशोधन
- स्थायीकरण
- वेतनमान दिया जाये
- सामाजिक सुरक्षा मुहैया करायी जाये
- बर्खास्तगी पर रोक और बर्खास्त मनरेगा कर्मियों की सेवा वापस की जाये
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