Anand Kumar
आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड सरायकेला जिले के मौजा पदमपुर में करीब डेढ़ हजार एकड़ जमीन पर स्थित है. इसमें कुछ जमीन रैयतों से सीधे ली गयी है और कुछ सीएनटी एक्ट की धाराओं के तहत प्रक्रिया का पालन करके ली गयी है. लेकिन अभी भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी सीएनटी की जमीन कंपनी ने गलत तरीके से हथिया ली.
इतना ही नहीं, कंपनी ने अपना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जिस जमीन पर बैठाया है, वह सरकारी भूमि है. जानकारी के अनुसार कंपनी ने उस जमीन को न तो लीज पर लिया है और न ही सरकार के साथ उसका कोई समझौता है. सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अपना BTG,यानी बॉयलर, टर्बाइन और जेनेरेटर सरकारी जमीन पर बैठा लिया है. हालांकि जानकारी मिली है कि कंपनी ने कुछ सरकारी जमीन की लीज के लिए आवेदन किया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि बिना सरकार की अनुमित के आधुनिक पावर ने सरकारी जमीन पर प्लांट कैसे लगा दिया.
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कंपनी ने नहीं निभाया रैयतों से किया वादा
जानकारी के अनुसार रैयतों से जमीन लेने के समय कंपनी ने काफी वायदे किये थे. इनमें जमीन के अनुपात में मुआवजे के अलावा हर घर से नौकरी का वादा था. विस्थापितों तथा आसपास के ग्रामीणों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा, नयी आवासीय कॉलोनी का निर्माण तथा बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल आदि खोलने की बात थी. लेकिन कंपनी की तरफ से कुछ नहीं किया गया. इस कारण आये दिन कंपनी के गेट पर विरोध-प्रदर्शन होता रहता है.
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जमीन वापसी के लिए हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका
कंपनी द्वारा गलत तरीके से जमीन लिये जाने को लेकर वर्ष 2016 में गांव के ही हरिहर महतो व अन्य की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. इसमें कहा गया था कि आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज कंपनी को पावर प्लांट लगाने के लिए गलत तरीके से सीएनटी के तहत आनेवाली जमीन दी गयी. इसके लिए ग्रामसभा की सहमति भी नहीं ली गयी. याचिका में प्रार्थियों ने कंपनी को दी गयी जमीन वापस करने की मांग की थी.
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