LagatarDesk : केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है. कोरोना महामारी के दौरान रोका गया 18 महीने का डीए केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं दिया जायेगा. इस बात की जानकारी वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी. पंकज चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काटकर सरकार ने 34,402.32 करोड़ रुपये बचाये हैं. इस पैसे को सरकार ने कोरोना महामारी से उबरने में उपयोग किया है. कहा कि मौजूदा समय में FRBM Act के प्रावधानों की तुलना में बजट घाटा दोगुना है. इसलिए यह डीए देने का प्रस्ताव नहीं है. भविष्य में भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तों का बकाया दिये जाने की सरकार की कोई योजना नहीं है.
50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को लगा झटका
दरअसल कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किश्तें नहीं दी गयी थीं. केंद्रीय कर्मचारियों का जनवरी 2020 से जून 2021 तक का डीए होल्ड पर रखा गया था. कर्मचारी लंबे समय से अपने बकाया डीए का इंतजार कर रहे थे और सरकार से इस पर जल्द फैसला लेने की मांग कर रहे थे. लेकिन अब वित्त मंत्री ने साफ कर दिया कि भविष्य में भी 18 महीनों का बकाया डीए देने की सरकार की कोई योजना नहीं है. सरकार के फैसले से केंद्र के 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को झटका लगा है.
20 मार्च से पहले सरकार डीए और फिटमेंट फैक्टर में कर सकती है बढ़ोतरी
बता दें कि महंगाई भत्ता, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा होता है. सरकार इसे सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगियों को भी देती है. हर छह महीने पर केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में बदलाव किया जाता है. बीते साल सितंबर 2022 में मोदी सरकार ने डीए 4 फीसदी बढ़ा दिया था. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया था. मोदी सरकार 0 मार्च तक तक महंगाई भत्ता और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है. फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के बाद सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो सकता है.
Subscribe
Login
0 Comments