- राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया
New Delhi : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया. इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता और जनजातीय कार्य एवं जलशक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों के सम्मान के लिए बहुत काम किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी नेताओं को गौरव दिया है, जिन्हें कई राज्यों में भुला दिया गया है. खासी-गारो आंदोलन हो, मिजो आंदोलन हो, मणिपुर आंदोलन हो, वीर दुर्गावती की वीरता हो या रानी कमलावती की कुर्बानी, मोदी सरकार ने इन सभी को गौरवान्वित किया है. हमने भगवान बिरसा मुंडा के साथ जुड़कर आदिवासी गौरव दिवस मनाने का भी फैसला किया है. हम लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से 10 संग्रहालय भी बना रहे हैं.
1.28 करोड़ आदिवासी घरों में पानी पहुंच गया है
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें आदिवासी कल्याण की बात करती थीं, लेकिन आदिवासियों के घरों में पानी, शौचालय और स्वास्थ्य कार्ड नहीं थे, आवास योजना नहीं थी और उन्हें किसान सम्मान निधि नहीं मिलती थी. शाह ने कहा कि आज ‘हर घर जल योजना’ के तहत 1.28 करोड़ आदिवासी घरों में पानी पहुंच गया है, 1.45 करोड़ आदिवासियों के घरों में शौचालय हैं, 82 लाख आदिवासी परिवारों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 लाख से अधिक आदिवासी परिवारों को घर दिए हैं और लगभग 30 लाख आदिवासी किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है.
आदिवासी कल्याण के लिए काफी काम किया
शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी योजनाओं की बारीकी से निगरानी की और उन्हें लागू करने के लिए जमीन पर उतारा. प्रधानमंत्री ने आठ साल में आदिवासी कल्याण के लिए काफी काम किया है. हमें पूरा विश्वास है कि इस शोध केंद्र के पूरा होने के बाद देश में पहली बार आदिवासियों का कल्याण संरचनात्मक तरीके से, सबसे छोटी जनजातियों को भी समायोजित करके किया जाएगा.
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पूर्वोत्तर में 8 साल में हिंसक घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई
अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आठ साल में पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में करीब 70 फीसदी की कमी आई है. पूर्वोत्तर वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर से संबंधित कई समस्याएं गृह मंत्रालय के समक्ष लंबित हैं. ऐसे मामले जो धीरे-धीरे कानून-व्यवस्था की स्थिति में बदल गए. मोदी ने 2019 के बाद पूर्वोत्तर में एक के बाद एक कई कदम उठाए हैं. हमने कई जनजातियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और आज हमने 66 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को हटा दिया है और शांति बहाल की है. 2006 से 2014 तक पिछली सरकार के आठ वर्षो में पूर्वोत्तर में हिंसा की 8,700 घटनाएं हुईं, जबकि मोदी सरकार के 8 वर्षो में इन घटनाओं में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है.”
मध्य भारत में आदिवासी कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा
शाह ने कहा कि पहले 304 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी, जिसमें अब 60 प्रतिशत की कमी देखी गई है. नागरिकों की मौत का आंकड़ा भी पहले की तुलना में 83 प्रतिशत कम हो गया है. कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि पूर्वोत्तर में इतना बड़ा बदलाव आएगा. शाह ने कहा, विकास उस क्षेत्र में होता है, जहां शांति हो, चाहे वह वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र हो या पूर्वोत्तर, जहां मुख्य रूप से जनजातियों की बहुलता है. पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद वाले क्षेत्रों के सुरक्षित रहने से मध्य भारत में आदिवासी कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा.
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