Soumitra Roy
बीजेपी के एक बड़े नेता के मुताबिक, सत्यपाल मलिक ने अमित शाह के हवाले से पीएम मोदी के बारे में जो कुछ कहा है, वह पार्टी की अंदरूनी सुगबुगाहट है.पीएम के एकतरफा फैसलों को लेकर ऐसी बातें लंबे समय से कही जा रही हैं. अलबत्ता, बीजेपी के किसी बड़े नेता की ज़ुबां से पहली बार यह लोगों के सामने आयी हैं.
पश्चिमी यूपी के सत्यपाल मलिक अब खुलकर यूपी चुनाव में खेलना चाहते हैं. 2017 में यूपी चुनाव से पहले आरक्षण के मुद्दे पर जाटों को समझाने का जिम्मा उन्हें सौंपा गया था. वे अपने मिशन में सफ़ल रहे. लेकिन बजाय इसका इनाम देने के, मलिक को गवर्नर बनाकर जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय भेज दिया गया.
साफ दिख रहा है कि नरेंद्र मोदी फिलहाल राकेश टिकैत और सत्यपाल मलिक के बीच बुरी तरह से फंस गये हैं. अगर मोदीजी मलिक को पद से हटाते हैं (मलिक भी यही चाहते हैं) तो पश्चिमी यूपी में जाटों का गणित और बिगड़ेगा. इसका गलत संदेश जायेगा.
लिहाज़ा बीजेपी आधिकारिक रूप से इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रही है. इस मुद्दे को चुनाव तक टालने की बात हो रही है. यानी सत्यपाल मलिक बोलने के लिए फिलहाल आज़ाद हैं. वे जितना खुलकर बोलेंगे, बीजेपी की भीतरी खींचतान उतनी ही सामने आयेगी.
“पीएम की अक्ल मारी गई है” वाले बयान को अमित शाह के कंधे का सहारा लेकर बोला गया है. अब यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इसे “बोला गया या बुलवाया गया”?
मलिक का अगला कदम पश्चिमी यूपी की सियासत में अहम होगा. क्या वे गवर्नर की कुर्सी छोड़कर इस सियासत में कूदेंगे?
डिस्क्लेमरः यह लेखक के निजी विचार हैं