Girish Malviya
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के सबसे बड़े स्टॉक ट्रेडर राकेश झुनझुनवाला से मुलाकात के गहरे मायने हैं. एक बात हमेशा के लिए गांठ बांध लीजिए कि बिना कारण के कोई कार्य नहीं होता है और इस मुलाकात के फोटो रिलीज किये गए हैं, तो इसका भी कुछ खास मतलब है. और वह मतलब क्या हो सकता है. इस लेख में हम वही समझने की कोशिश करेंगे.
75 सालों के स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने स्टॉक मार्केट इनवेस्टर से आधिकारिक रूप से मुलाकात की है. दरअसल, राकेश झुनझुनवाला इनवेस्टर होने के साथ ही लॉबिंग की दुनिया के बड़े खिलाड़ी हैं और दुनिया के चंद देशों में से एक अमेरिका है, जहां लॉबिंग को कानूनी मान्यता है.
आपको याद होगा कि पिछले महीने मोदी ने अमेरिका यात्रा की है. अमेरिका दौरा राजनीतिक रूप से तो असफल रहा. लेकिन वहां उन्होंने 5 प्रमुख कंपनियों के CEO से मुलाकात की थी. इन कंपनियों में सबसे कम चर्चा ब्लैकस्टोन की हुई थी. लेकिन हमारी नजर में ब्लैकस्टोन भारत में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है.
मोदी ने वहां ब्लैकस्टोन के सीईओ,स्टीफन ए श्वार्जमैन से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बारे में जरा सी खबर थी कि भारत में चल रही नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन परियोजनाओं में निवेश के अवसरों पर चर्चा की है. यह बहुत बड़ा संकेत है कि आने वाले समय में क्या होने जा रहा है.
ब्लैकस्टोन कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं है. वह दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म है. और वह दुनिया के सबसे बड़े संपत्ति मालिकों में से भी एक है. कुछ सालों से ब्लैकस्टोन भारत में रियल एस्टेट, वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट में भारी निवेश कर रहा है.
पिछले कुछ महीनों में ब्लैकस्टोन ने भारत में कई डील किए हैं. उसने पीरामल इंटरप्राइजेज लिमिटेड की ग्लास यूनिट को एक्वायर किया है और डेवलपर प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स लिमिटेड से रीयल एस्टेट एसेट्स को भी एक्वायर किया है. इसके अलावा देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में शुमार Aadhaar Housing Finance Ltd. को भी ब्लैकस्टोन ने एक्वायर (मेजॉरिटी शेयरहोल्डिंग) कर लिया है.
आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में ब्लैक स्टोन ने 97.7% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है, जिसमें मौजूदा नियंत्रित शेयरधारकों, वधावन ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड (डब्ल्यूजीसी) और दीवान हाउसिंग लिमिटेड (डीएचएफएल) द्वारा पूरी हिस्सेदारी शामिल है.
यह वही वधावन हैं, जिन्होंने PMC बैंक घोटाला किया है. DHFL को डुबाने में भी इन्हीं का हाथ रहा था. साफ है कि जब ऐसे सौदे ब्लैक स्टोन कर रहा है, तो उसे किसी न किसी भारतीय सरपरस्त की जरूरत होगी और राकेश झुनझुनवाला इस रोल में पूरे फिट बैठ रहे. अगले महीने में आधार हाउसिंग फाइनेंस का 7,500 करोड़ का IPO आने वाला है. इसके अलावा पॉलिसी बाज़ार (4,000 करोड़), एपटस हाउसिंग फाइनेंस ( 3,000 करोड़), स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ( 2,000 करोड़), आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी (1,500-2,000 करोड़) आरोहण फाइनेंशियल सर्विसेज ( 1,800 करोड़), फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस ( 1,700 करोड़), फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक ( 1,330 करोड़), तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक ( 1,000-1,300 करोड़), मेडी असिस्ट ( 840 करोड़) और जन स्मॉल फाइनेंस बैंक ( 700 करोड़), के भी IPO आ रहे हैं.
इसलिए मोदी शेयर बाजार की एक बुलिश पर्सनालिटी को प्रमोट कर रहे हैं. ताकि विकास का बुलबुला बनता हुआ दिखे.
ब्लैकस्टोन ग्रुप इंक ने एक भारतीय डेवलपर की दो इकाइयों का अधिग्रहण करने के लिए एक सौदा किया है. जिसमें सिंगापुर सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी पीटीई लिमिटेड और राकेश झुनझुनवाला का भी इन्वेस्टमेंट है. यानी अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही है.
राकेश झुनझुनवाला के साथ फोटो खिंचवा कर मोदी अमेरिकी इंवेस्टमेंट कंपनियों को ग्रीन सिग्नल देना चाहते हैं.
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.