Ranchi/Delhi : बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कुछ शर्तों पर जमानत दे दी है. करीब 5 वर्षों से जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद शीर्ष अदालत ने राम विनोद सिन्हा को इस शर्त पर बेल दी है कि वो हर तारीख में अदालत के समक्ष सशरीर हाजिर होना होगा. अदालत ने यह भी शर्त रखी है कि वह जमानत पर रहने के दौरान जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करेंगे, उसकी जानकारी ED के अधिकारीयों को मुहैया करायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज की खंडपीठ में राम विनोद सिन्हा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता पांडेय नीरज रॉय और अधिवक्ता रचिता राय ने बहस की. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी में करीब 17 मामले दर्ज हैं, जिसकी जांच एसीबी कर रही है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साथ-साथ कई गड़बड़ियां करने के आरोपी बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को 18 जून 2020 में कोलकाता से गिरफ्तार किया था. बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद के मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.