Ranchi : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवे दिन भी हंगामा जारी रहा. दीपिका पांडे सिंह के अल्प सूचित सवाल पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि वृहद और मध्यम सिंचाई योजनाओं के जरिए 3.85 लाख हेक्टेयर और चतुर्थ लघु सिंचाई गणना के अनुसार लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 6.19 लाख यानी कुल 10.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्रों में सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है. इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार का दावा कागजी है. अगर 41 फीसदी भूमि सिंचित है, तो अकाल कैसा. इसपर सदन के अंदर सरकार की ओर से कहा गया कि झारखंड में 41.44% सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है.
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25 सिंचाई योजनाओं का चल रहा निर्माण
विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सवाल किया कि राज्य में उचित सिंचाई सुविधा के अभाव में पिछले 10 वर्षों में 5 बार सुखाड़ की नौबत आई है. सरकार यदि नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने की सिंचाई योजनाओं को रिपेयर करती रहती, तो कभी सुखाड़ की नौबत नहीं आती. अभी मात्र 27 प्रतिशत भूमि ही सिंचित है. जवाब में मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में वृहद व माध्यम सिंचाई प्रक्षेत्र अंतर्गत 25 योजनाओं का निर्माण विभिन्न चरणों मे कार्यान्वित हो रहा है. इन योजनाओं के पूरा होने पर 5.35 लाख हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई क्षमता सृजित हो सकेगी.
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